Bihar Economic Survey: पटना. अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में बिहार देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाले राज्यों में दूसरे स्थान पर है. राज्य की अर्थव्यवस्था 14.50% की दर से बढ़ रही है. वहीं, पिछले वर्ष की तुलना में प्रति व्यक्ति आय में भी 12.8 % की बढ़ोतरी होने की संभावना है और यह बढ़कर 66828 रुपए होने का अनुमान है. सोमवार को उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने विधानमंडल के दोनों सदनों में 2024-25 का आर्थिक सर्वे पेश किया. उसके बाद विधानसभा के वाचनालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सहायता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुशल नेतृत्व से राज्य ने इस विकास दर को हासिल किया है.
जीडीपी 8.54 लाख करोड़ होने का अनुमान
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023–24 के लिए त्वरित अनुमान के अनुसार, वर्तमान मूल्य पर बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 14.50% की दर से बढ़कर 8.54 लाख करोड़ होने का अनुमान है, जबकि स्थिर मूल्य पर सकल राज्य घरेलू उत्पाद 9.2% बढ़कर 4.64 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है. श्री चौधरी ने कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था 2011-12 के 2.47 लाख करोड़ की तुलना में 3.5 गुना बढ़कर 2023-24 में 8.54 लाख करोड़ हो गयी है. उन्होंने कहा कि बिहार का जीडीपी की वृद्धि दर राष्ट्रीय वृद्धि दर की तुलना में अधिक रही है. मंत्री ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था में तृतीयक क्षेत्र यानी व्यापार और सेवा क्षेत्र का योगदान 59% के करीब रहेगा.
2024-25 के आर्थिक सर्वे की खास बातें
- बिहार में पटना सबसे अमीर जिला और शिवहर सबसे गरीब जिला.
- बिजली खपत में पटना अव्वल, गया दूसरे नंबर पर, टॉप पांच जिलों में मुजफ्फरपुर, रोहतास और नालंदा शामिल
- सड़कों और पुलों पर 2005-10 की तुलना में 2020-24 में साढ़े तीन गुना से अधिक राशि हुई खर्च
- बिहार के औद्योगिक सेक्टर में 75293.76 करोड़ के निवेश प्रस्तावित
- पांच सालों में सरकारी माध्यमिक स्कूलों की छीजन दर में 62.25 % की गिरावट दर्ज
- राज्य में 12 साल में वनाच्छादन में हुई 687 वर्ग किमी की बढ़ोतरी
- महिला और पुरुष दोनों की श्रम शक्ति भागीदारी दर बढ़ी
प्रति व्यक्ति आय में 12.8 % की वृद्धि
आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य की प्रति व्यक्ति आय पिछले वर्ष की तुलना में 12.8 % की बढ़ोतरी हुई है और यह 59,637 रुपये से बढ़कर 66828 रुपए होने का अनुमान है. यदि स्थिति मूल्य पर देखे तो यह वृद्धि करीब 7.6% है. यानी स्थिर मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 35,119 से बढ़कर 36333 रुपए होने अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार ने अपने राजकोषीय संसाधनों को विवेकपूर्ण प्रबंधन से कई विकासमूलक लक्ष्य हासिल की है. राज्य सरकार अपने व्यय का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक सेवाओं पर खर्च करती है. वर्ष में 2023-24 में यह खर्च बढ़कर 83225 करोड़ हो गया है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019-20 में सामाजिक क्षेत्र में 57816 करोड़ खर्च किया गया था. वर्ष 2019-20 के पूंजीगत व्यय की तुलना में वर्ष में 2023-24 बढ़कर तीन गुना होने का अनुमान है. पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि राज्य सरकार असेट निर्माण पर अधिक खर्च करने ताकि भविष्य में इससे रिटर्न मिल सके.
बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद,वर्तमान मूल्य पर
वर्ष करोड़ रुपए
2019-20 581855
2020-21 567814
2021-22 647394
2022-23 746417
2023-24 854429
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