Bihar Economic Survey: पटना. बिहार में वर्ष 2022-23 और 2023-24 के बीच चावल का उत्पादन 210 प्रतिशत और गेहूं का उत्पादन 10.7 प्रतिशत बढ़ गया है. 2020-21 से 2023-24 के बीच मक्का का उत्पादन 66.6 प्रतिशत बढ़ा है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2022-23 और 2023-24 के बीच आम का कुल उत्पादन 9.7 प्रतिशत बढ़ा है. दूध, अंडों और मछली का उत्पादन लगातार बढ़ा है. वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच दूध का उत्पादन 27.3 प्रतिशत और अंडों का उत्पादन 85.7 प्रतिशत बढ़ गया है. जबकि 2018-19 से 2023-24 के बीच मछली के उत्पादन में 45 प्रतिशत वृद्धि हुई है.
खेती में 4.3% से बढ़कर 17.6% हुई बिजली की खपत
राज्य सरकार ने 2023-24 में कृषि यांत्रिकीकरण के लिए 11,900.00 लाख रुपये स्वीकृत किये. 2023-24 में कृषि यांत्रिकीकण उप मिशन के लिए भारत सरकार की ओर से 3866.23 लाख रुपये और राज्य सरकार द्वारा 2577.48 लाख रुपये दिये गये. इस योजना पर कुल 6443.71 लाख रुपये आवंटित हुए. कृषि में बिजली की खपत का हिस्सा 2019-20 के 4.3 प्रतिशत से बढ़कर 2023-24 में 17.6 प्रतिशत हो गया है.
3.25 लाख हेक्टेयर में बहाल हुई सिंचाई सुविधा
जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 2023-24 में 2,377 योजनाएं स्वीकृत हुई थीं. इसमें 2,182 पूरी हो गयीं जिससे 2,22,639 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता और 992 लाख घनमीटर जल भंडारण क्षमता बहाल हुई. राज्य सरकार ने 2023-24 में इन योजनाओं पर 269.66 करोड़ रुपये खर्च किये. ””हर खेत तक सिंचाई का पानी”” कार्यक्रम के तहत 2023-24 तक 308.73 करोड़ रुपये के व्यय से 707 योजनाएं पूरी हुई हैं. जिनसे 1,02,957 हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई सुविधा बहाल हुई है.
फसल नष्ट होने पर 93 लाख किसानों को मिली सहायता
डीजल सब्सिडी योजना से वर्ष 2023-24 में 6.3 लाख किसान लाभान्वित हुए. इस दौरान 102.93 करोड़ रुपये की डीजल सब्सिडी दी गयी. कृषि लागत सब्सिडी योजना के तहत 2023-24 में ओला वृष्टि और बेमौसमी बारिश से प्रभावित 87.12 लाख किसानों को 55.05 करोड़ रुपये की की वित्तीय सहायता दी गयी. जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम का क्रियान्वयन बिहार के 30 जिलों में 2020-21 से 2024-25 तक की अवधि के लिए किया जा रहा है. इसके लिए 238.49 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
27 हजार हेक्टेयर में मखाना की खेती, 56 हजार टन उत्पादन
राज्य में लीची बागानों का क्षेत्रफल लगातार बढ़ रहा है. वर्ष 2022-23 और 2023-24 के बीच लीची के बागानों का क्षेत्रफल 6.0 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि कुल उत्पादन 11.7 प्रतिशत बढ़ा है. वर्ष 2023-24 में 27.8 हजार हेक्टेयर जमीन पर मखाना की खेती हुई. कुल 56.4 हजार टन मखाना का उत्पादन हुआ, जो देश के कुल मखाना उत्पादन का 85 प्रतिशत है. केसीसी से मिले 7,080.07 करोड़ ऋण किसान क्रेडिट कार्ड के जरिये 2019-20 में कुल 3,204.51 करोड़ रुपया के ऋण वितरित हुए थे. रकम 2023-24 में बढ़कर 7,080.07 करोड़ रुपये पहुंच गयी है.
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