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बिहार के इस इलाके में बाढ़ के मिलने लगे संकेत, कोसी बराज के 14 फाटक खोले गए…

Bihar Flood: बिहार में बाढ़ के संकेत अब मिलने लगे हैं. कोसी-सीमांचल इलाके की नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. कोसी बराज के एक दर्जन से अधिक फाटक खोलने पड़े. सहरसा के कई पंचायतों में तटबंधों के अंदर खतरा है.

Bihar Flood: बिहार में कोसी का कहर शुरू होने के संकेत मिलने लगे हैं. 15 जून के बाद बाढ़ का पानी फैलने की संभावना है.बाढ़ अवधि शुरू होने में अभी लगभग 10 दिन शेष हैं, लेकिन नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने कोसी नदी के जलस्तर में खतरनाक वृद्धि शुरू कर दी है.

कोसी बराज के 14 फाटक खोले गए

सोमवार शाम को कोसी नदी का जलस्राव 58,770 क्यूसेक दर्ज किया गया. कोसी बराज के कुल 56 में से 14 फाटकों को खोलना पड़ा है. हालांकि, बिहार में मानसून के 13 से 15 जून के बीच प्रवेश करने की संभावना जतायी जा रही है, लेकिन कोसी नदी का जलस्तर मुख्य रूप से नेपाल की जलवायु पर निर्भर करता है.

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खतरे के मिल रहे संकेत

नेपाल में मानसून मई के अंतिम सप्ताह से ही सक्रिय हो गया है जिससे जून का महीना कोसी क्षेत्र के लिए अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है. फिलहाल नदी का पानी लाल और गेहूंआ रंग में बह रहा है. जो ऊपरी इलाकों से भारी मात्रा में मलबा आने का स्पष्ट संकेत है. जल संसाधन विभाग प्रतिवर्ष 15 मई तक बाढ़ पूर्व कटाव-निरोधक कार्य पूरा कर लेने का दावा करता है, लेकिन समय से पहले जलस्तर में वृद्धि विभाग की तैयारियों की वास्तविकता पर प्रश्नचिह्न लगा रही है.

तटबंधों के अंदर खतरे में सात पंचायतें

सहरसा जिले के नवहट्टा सीओ ने जानकारी दी कि प्रखंड क्षेत्र की सात पंचायतें कोसी के पूर्वी और पश्चिमी तटबंधों के अंदर स्थित हैं. ये क्षेत्र हर वर्ष भीषण बाढ़ की चपेट में आते हैं. वर्तमान में कोसी नदी में संचालन के लिए 65 नावों का पंजीकरण किया गया है. जो तंदुरुस्त स्थिति में हैं. बाढ़ राहत कार्यों के लिए तैयार हैं.

15 जून के बाद गांवों में पानी फैलने की आशंका

15 जून के बाद कोसी नदी के जलस्तर में और वृद्धि होने की संभावना है. जिससे नदी का पानी गांवों में प्रवेश कर सकता है. बीते वर्षों की तरह इस बार भी बाढ़ की विभीषिका सामने आने की आशंका है. इससे निबटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सभी बिंदुओं पर कार्य किया जा रहा है.

राजस्व कर्मचारियों को दिए निर्देश

अंचल अधिकारी मोनी बहन ने बताया कि तटबंध के अंदर बाढ़ प्रभावित पंचायतों में परिचालन के लिए सरकारी नावों की तैनाती के लिए स्थान चिह्नित करने तथा क्षेत्र की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए राजस्व कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है.

चचरी पुल बहा, नावों पर टिकी जनजीवन

कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रखंड क्षेत्र के असेय कैदली घाट पर बना एक किलोमीटर लंबा चचरी पुल ध्वस्त हो गया है. जिससे आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. अब इस क्षेत्र के लोग नावों पर निर्भर हो गये हैं. जनजीवन पूरी तरह जल-आवागमन पर आश्रित हो गया है.

ThakurShaktilochan Sandilya
ThakurShaktilochan Sandilya
डिजिटल मीडिया का पत्रकार. प्रभात खबर डिजिटल की टीम में बिहार से जुड़ी खबरों पर काम करता हूं. प्रभात खबर में सफर की शुरुआत 2020 में हुई. कंटेंट राइटिंग और रिपोर्टिंग दोनों क्षेत्र में अपनी सेवा देता हूं.

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