संवाददाता,पटना बिहार के दो ग्रामीण बैंक उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के विलय की केंद्र सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी. इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी. इसके मुताबिक बिहार ग्रामीण बैंक राज्य का सबसे बड़ा बैंक बन गया है.इसके तहत पहली मई से बिहार में उत्तर और दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के विलय के पश्चात बिहार ग्रामीण बैंक कार्यरत होगा. इसकी 21 सौ से से ज्यादा शाखायें होगी और यह बिहार का सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा. इसका प्रायोजक बैंक पंजाब नेशनल बैंक होगा तथा प्रधान कार्यालय पटना में रहेगा. यह पहली मई, 2025 से प्रभावी होगा. केंद्र सरकार ने बिहार के साथ ही 11 ग्रामीण बैंक के लिए एक राज्य एक ग्रामीण बैंक समामेलन का राजपत्र जारी किया है. एक राज्य एक ग्रामीण बैंक ” को लागू करने के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित विलय राजपत्र अधिसूचना सोमवार को जारी कर दी है. अधिसूचना में 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 11 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है.केंद्र सरकार के राजपत्र में कहा गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को एकल क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में विलय का प्रावधान किया है. 2005 तक देश भर में 196 तथा बिहार में 22 ग्रामीण बैंक कार्यरत थे. नयी अधिसूचना के तहत बिहार में एक तथा देशभर में 28 ग्रामीण बैंक हो जायेंगें. यूनाइटेड फोरम ऑफ ग्रामीण बैंक यूनियन्स के राष्ट्रीय संयोजक डीएन त्रिवेदी ने कहा कि ग्रामीण बैंक के विलय का प्रयोग 2005 से चल रहा है. तत्काल चौथा विलय हुआ है. ग्रामीण बैंक और प्रायोजक व्यावसायिक बैंक के खर्च समान हैं, लेकिन ग्रामीण बैंक का व्यापार प्रायोजक बैंक के एक तिहाई से भी कम है. ग्रामीण बैंक का उनके प्रायोजक बैंक में विलय ही मजबूत ग्रामीण अर्थ व्यवस्था का एकमात्र निदान है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है