Bihar News: बिहार के मधुबनी जिले स्थित भारत के अंतिम उत्तर दिशा के स्टेशन जयनगर का कायाकल्प अब तय हो चुका है. स्टेशन को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए केंद्र सरकार ने 17 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इस राशि से न सिर्फ स्टेशन का पुनर्विकास होगा, बल्कि यात्रियों और रेलवे स्टाफ को बेहतर सुविधा भी मिलेगी.
स्टेशन को मिलेगा नया लुक, जलजमाव से मिलेगी राहत
हर साल बारिश में जलजमाव से परेशान होने वाले यात्रियों को अब राहत मिलने वाली है. जयनगर स्टेशन परिसर को ऊंचा किया जा रहा है ताकि बरसात के मौसम में दो-दो फीट पानी जमा न हो. वहीं स्टेशन पर यात्री विश्रामालय, शौचालय, टिकट काउंटर, दो मंजिला इमारत और आधुनिक यात्री शेड का निर्माण भी जारी है.
बढ़ती भीड़ के लिए मिलेंगी नई सुविधाएं
जयनगर स्टेशन नेपाल सीमा से सटा होने के कारण भारत-नेपाल के यात्रियों के लिए एक अहम ट्रांजिट प्वाइंट है. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, सूरत जैसे बड़े शहरों से लोग यहां पहुंचते हैं. यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए स्टेशन परिसर में पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था की जा रही है, जो पहले एक बड़ी समस्या थी.
रेलवे स्टाफ के लिए भी नई व्यवस्था
सिर्फ यात्रियों के लिए ही नहीं, बल्कि स्टेशन पर काम कर रहे रेलवे कर्मचारियों के लिए भी रहने की समुचित व्यवस्था की जा रही है. लंबे समय से कर्मचारियों के आवास और सुविधा की मांग को अब प्राथमिकता दी जा रही है.
अगले साल तक पूरा होगा काम
जयनगर स्टेशन पर कुल 7 रेलवे लाइनें हैं, जो इसे व्यस्ततम स्टेशनों में से एक बनाती हैं. वर्तमान में स्टेशन का कार्य प्रगति पर है और निर्माण के कारण यात्रियों को थोड़ी असुविधा हो रही है, लेकिन अधिकारियों का दावा है कि अगले साल तक स्टेशन का यह नया रूप सामने आ जाएगा.
मधुबनी को भी मिला 20 करोड़ का विकास बजट
जयनगर के साथ-साथ मधुबनी स्टेशन को भी 20 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है, जिससे वहां भी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. आने वाले समय में ये दोनों स्टेशन न सिर्फ यात्रियों को राहत देंगे, बल्कि भारत-नेपाल सीमा पर एक सशक्त कनेक्टिविटी हब के रूप में उभरेंगे.