Bihar Land Mutation: बिहार में जमीन के म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) की प्रक्रिया अब और आसान होने जा रही है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग नई व्यवस्था लागू करने जा रहा है, जिसके तहत जमीन के म्यूटेशन में अब नक्शा भी शामिल किया जाएगा. अभी तक म्यूटेशन की प्रक्रिया में सिर्फ भूधारी (मालिक) का नाम बदला जाता है, लेकिन अब रजिस्ट्री के समय ही खरीदी गई जमीन का नक्शा दस्तावेज में जोड़ दिया जाएगा.
मंगलवार को संजय सरावगी करेंगे नई व्यवस्था की शुरुआत
इस नई व्यवस्था की शुरुआत मंगलवार को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी करेंगे. यह व्यवस्था सबसे पहले उन्हीं क्षेत्रों में लागू होगी, जहां विशेष भूमि सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है. सर्वेक्षण के दौरान जमीन का अद्यतन नक्शा भी तैयार किया गया है और इससे जुड़े सभी दस्तावेजों को डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित रखा जा रहा है.
म्यूटेशन की प्रक्रिया अपने आप हो जाएगी पूरी
नक्शे सहित रजिस्ट्री होने से म्यूटेशन की प्रक्रिया अपने आप पूरी हो जाएगी. इसके लिए अब अलग से अंचलाधिकारी (सीओ) के पास आवेदन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. रजिस्ट्री के साथ ही संबंधित दस्तावेज सीधे सीओ के पास भेज दिए जाएंगे और उसी आधार पर म्यूटेशन स्वचालित तरीके से हो जाएगा.
योजना को करीब चार साल पहले मिली थी मंजूरी
इस योजना को विभाग ने करीब चार साल पहले मंजूरी दी थी, लेकिन उस समय इसे लागू नहीं किया जा सका क्योंकि कई इलाकों में भूमि सर्वेक्षण अधूरा था. अब विशेष भूमि सर्वेक्षण का काम तेजी से पूरा हो रहा है, जिससे यह योजना धरातल पर उतरने को तैयार है. योजना के प्रारूप को आईआईटी रुड़की ने तैयार किया है, जो तकनीकी दृष्टि से म्यूटेशन प्रक्रिया को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाएगा.
जमीन से जुड़े मामलों में आएगी पारदर्शिता
इस पहल से जमीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी, विवादों में कमी आएगी और आम लोगों को म्यूटेशन के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. साथ ही, नक्शे के साथ म्यूटेशन होने से जमीन की पहचान और सीमांकन में भी आसानी होगी.