Bihar News: पटना. होली के मौके पर मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाला मावा (खोया) मिलावटी भी हो सकता है, जो आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है. आजकल मिठाइयों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए कई दुकानदार नकली खोया बेचते हैं, जिसमें सिंथेटिक दूध, स्टार्च और केमिकल मिलाये जाते हैं. इससे फूड प्वाइजनिंग, पेट दर्द, लिवर डैमेज और कई दूसरी बीमारियां होने का खतरा होता है. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि असली और नकली खोया की पहचान कैसे कर सकते हैं.
आयोडीन टेस्ट से पकड़ें मिलावट
अगर आप पक्की जांच करना चाहते हैं, तो आयोडीन से टेस्ट करें. एक चम्मच मावा लें, उसमें कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर डालें. अगर रंग नीला पड़ जाता है, तो समझिए कि मावे में स्टार्च मिला हुआ है. असली खोया का रंग नहीं बदलता. (आयोडीन टिंचर आपको मेडिकल स्टोर से आसानी से मिल सकता है.)
पानी में डालकर करें जांच
- एक गिलास पानी लें और उसमें मावा का छोटा टुकड़ा डालें.
- अगर मावा पानी में घुलने लगे, तो उसमें मिलावट है.
- असली मावा पानी में नहीं घुलता, बल्कि टुकड़ों में टूटकर नीचे बैठ जाता है.
मिलावटी मिठाइयों से कैसे बचें?
- बाजार की मिठाइयों की बजाय घर पर बनी मिठाइयों को प्राथमिकता दें.
- अगर बाजार से मिठाई लेनी हो, तो अच्छी और भरोसेमंद दुकानों से ही खरीदें.
- पैक्ड मिठाइयों पर मेन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें.
- अगर मिठाई का स्वाद, रंग या गंध अजीब लगे, तो उसे खाने से बचें.