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Bihar News: मोतिहारी के स्कूलों में भरा गंदा पानी,बच्चों की पढ़ाई ठप, सिस्टम चुप

Bihar News: मोतिहारी के बेलीसराय मोहल्ले के तीन सरकारी स्कूल बदहाली के दलदल में फंसे हैं—चारों ओर गंदा पानी, टपकती छतें और कीड़े-मकोड़े. बच्चे स्कूल आने से डरते हैं और पढ़ाई लगभग ठप है. शिक्षा विभाग की नाक के नीचे हो रही इस लापरवाही पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, सवाल है: जिम्मेदार आखिर कब जागेंगे?

Bihar News: बिहार के मोतिहारी शहर से चंद कदमों की दूरी पर तीन सरकारी स्कूल हैं, जो इन दिनों पढ़ाई के बजाय गंदगी, बदबू और डर की वजह से चर्चा में हैं. नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 35 स्थित बेलीसराय मोहल्ले के इन स्कूलों में एक पूरी तरह बंद पड़ा है, जबकि दो में शिक्षक तो आते हैं, लेकिन बच्चे नहीं.

नामकंन तो हैं, लेकिन बच्चे स्कूल नहीं आते

मोतिहारी शहर के इन स्कूलों में बच्चों का नामांकन दर्ज है, शिक्षक मौजूद रहते हैं, लेकिन स्कूल जाने से बच्चे इनकार कर रहे हैं. वजह है—स्कूल के चारों ओर फैला गंदा, बदबूदार और पानी, जिसमें सांप-बिच्छू और मच्छरों का डेरा है. बरसात में हालात और बदतर हो जाते हैं, क्लासरूम तक जलभराव से भरे रहते हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों को स्कूल भेजना मतलब जान जोखिम में डालना जैसा है. कई बार स्कूल प्रशासन और नगर निगम से शिकायत की गई, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला. नतीजा यह है कि बच्चे घरों में कैद होकर रह गए हैं और उनकी पढ़ाई पूरी तरह ठप है. बच्चों ने खुद कहा कि स्कूल आने में डर लगता है – एक ओर पानी से टपकती छतें, दूसरी ओर कीड़ों और सांप का आतंक.

डीईओ ऑफिस के पास, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं

हैरानी की बात यह है कि ये स्कूल जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित हैं. फिर भी न तो अधिकारी निरीक्षण को आए, न ही किसी मरम्मत या सफाई की व्यवस्था की गई.

प्रधानाध्यापक राजकुमार, जिन्होंने हाल ही में इस विद्यालय की जिम्मेदारी संभाली है, ने बताया कि स्थिति अत्यंत गंभीर है और उन्होंने इसकी लिखित सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक कोई अधिकारी स्कूल का स्थलीय निरीक्षण करने नहीं आया और न ही मरम्मत या जलनिकासी की दिशा में कोई कार्यवाही हुई है. उनका कहना है कि यह स्थिति बच्चों के अनुकूल नहीं है और बिना शीघ्र कार्रवाई के हालात और बिगड़ सकते हैं.

यह हाल सिर्फ एक स्कूल का नहीं, बल्कि पूरी व्यवस्था की विफलता को उजागर करता है. जब जिला मुख्यालय के पास मौजूद स्कूल की ऐसी दुर्दशा है, तो दूरदराज़ के स्कूलों का क्या हाल होगा? शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह तत्काल जलनिकासी, मरम्मत और सफाई का इंतजाम करे, ताकि बच्चों को सुरक्षित और प्रेरक माहौल मिल सके. वरना यह गंदगी सिर्फ स्कूल को नहीं, पूरे भविष्य को डुबो देगी.

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Pratyush Prashant
Pratyush Prashant
कंटेंट एडिटर और शोधकर्ता . लाड़ली मीडिया अवॉर्ड विजेता. जेंडर और मीडिया में पीएच.डी. . हिंदी अखबारों और पत्रिकाओं में नियमित लेखन . यूथ की आवाज़, वूमेन्स वेब आदि में लेख प्रकाशित.

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