Bihar News: केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को एक दिन के बिहार दौरे पर पटना में मौजूद रहे. शिवराज सिंह ने किसानों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को जाना. बापू सभागार में शिवराज सिंह मंच से सीधे उतरकर किसानों के बीच चले गए और एक-एक कर किसानों की समस्या पूछने लगे. इस दौरान कई किसानों ने खाद के साथ बोतल जबरदस्ती थमाने की शिकायत की.
किसानों की शिकायत सुन कृषि मंत्री भड़क गए और अधिकारियों से कहा कि इस पर कार्रवाई करें. किसानों को कोई भी मजबूर नहीं कर सकता है. खाद के स्थान पर कुछ और जो देगा, सख्त कार्रवाई की जाएगी. खाद की कालाबाजारी को रोकने के लिए भी किसानों को शिवराज सिंह चौहान ने निर्देशित किया. कृषि मंत्री ने कहा कि जो कोई खाद की कालाबाजारी में संलिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
शिवराज सिंह ने किये नए वादे
शिवराज सिंह ने पटना में मंच से ऐलान किया कि “अब राज्य की सब्जियां और अन्य फसलें बर्बाद नहीं होंगी.” इसके लिए एमआईएस (बाजार हस्तक्षेप योजना) शुरू की गई है, जिसके तहत किसान अपनी उपज को बड़े बाज़ारों तक पहुंचा सकेंगे और उसका भाड़ा केंद्र सरकार उठाएगी. यह एक बड़ा कदम है, खासकर उस राज्य में जहां सब्ज़ी उत्पादन तो भरपूर है लेकिन उसका बाज़ार ढह जाता है.
टमाटर, प्याज़, आलू और हरी सब्ज़ियों पर केंद्र सरकार की खास नजर है और इस बार सब्सिडी, न्यूनतम समर्थन मूल्य और नैनो यूरिया जैसे मुद्दे घोषणाओं की अगली पंक्ति में हैं.
MSP पर सरकार का दांव
कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार उत्पादन लागत पर 50% जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर रही है और अरहर, मूंग, मसूर, चना जैसी दालें भी MSP पर खरीदी जाएंगी. यह उन किसानों के लिए राहत भरी बात है जो हर साल लागत और बाजार के बीच पिस जाते हैं.
‘धन-धान्य योजना’ से विकास का वादा
इस मौके पर शिवराज सिंह चौहान ने एक और नई योजना—प्रधानमंत्री कृषि धन-धान्य योजना की भी घोषणा की, जिसका मकसद है किसानों की उत्पादकता बढ़ाना और लागत घटाना. अब तक केंद्र सरकार पौने दो लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी और 25 लाख करोड़ रुपये का ऋण किसानों को दे चुकी है. इन आंकड़ों के जरिए उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि “मोदी सरकार ने किसानों को कभी अकेला नहीं छोड़ा.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में PM किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त जारी की है. इसके तहत देश के 9.70 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में सीधे 20,500 करोड़ रुपये पहुंचे हैं, जिसमें बिहार के करीब 74 लाख किसानों को दो-दो हजार रुपये मिले हैं. यह आंकड़ा सिर्फ राहत नहीं, चुनावी जनसंवाद का आधार भी है.