Bihar News: बिहार में पिछले साल पुलों के ढहने की घटनाओं से राज्य की काफी किरकिरी हुई थी. अब पथ निर्माण विभाग ने इस दिशा में सख्त कदम उठाया है. विभाग ने 250 मीटर से अधिक लंबाई वाले कुल 85 पुलों का थर्ड पार्टी सेफ्टी ऑडिट कराने का फैसला किया है. इन पुलों में मुजफ्फरपुर प्रमंडल के बूढ़ी गंडक पर बने दादर पुल और मोतीझील फ्लाईओवर समेत कई महत्वपूर्ण संरचनाएं शामिल हैं.
IIT के छात्रों को सौंपी गई जिम्मेदारी
इस ऑडिट का कार्यभार आईआईटी पटना और आईआईटी दिल्ली के छात्रों को सौंपा गया है. पथ निर्माण विभाग ने इसके लिए करीब 16.61 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने इस योजना को प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है. यह पहल इसलिए भी जरूरी मानी जा रही है क्योंकि अधिकांश पुलों का निर्माण के बाद नियमित संधारण नहीं होता, जिससे वे समय पूर्व ही क्षतिग्रस्त हो जाते हैं.
रेलवे भी कराएगा 15 पुलों की मरम्मत
इसी क्रम में समस्तीपुर रेलमंडल ने भी मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड पर स्थित बूढ़ी गंडक, बागमती, लखनदेई, मनुषमारा आदि नदियों पर बने 15 पुलों की मरम्मत के लिए अधिसूचना जारी की है. इंजीनियरिंग विभाग इसके लिए आवश्यक कार्रवाई कर रहा है ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
प्रदेश में टोटल 532 वृहद पुल
बिहार में कुल 3968 पुल हैं, जिनमें 532 को वृहद श्रेणी में रखा गया है. पहले चरण में इनमें से 85 पुलों का सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा. यह कार्य बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के माध्यम से किया जा रहा है. ऑडिट की प्रक्रिया से राज्य में बने पुलों की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा और उनकी मरम्मत कर उन्हें पूर्ण उपयोग के योग्य बनाया जा सकेगा.
इंजीनियरों को मिली दो दिनों की ट्रेनिंग
ऑडिट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पथ निर्माण विभाग ने राज्य के कार्यपालक और कनीय अभियंताओं को विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण भी दिलवाया है. यह प्रशिक्षण 20 और 27 मई को पटना में आयोजित किया गया था. इसमें मुजफ्फरपुर पथ प्रमंडल एक और दो के अभियंता भी शामिल हुए थे. इस प्रशिक्षण में सेफ्टी ऑडिट के तरीकों की जानकारी दी गई ताकि जांच वैज्ञानिक और सटीक हो सके.
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