Bihar News: बिहार में चुनावी हलचल तेज है और अब मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान सियासत का नया अखाड़ा बन गया है. जहां एक ओर विपक्ष इस प्रक्रिया पर संदेह जता रहा है, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने इस अभियान को पूरी गंभीरता से लेते हुए राज्यव्यापी रणनीतिक अभियान की घोषणा कर दी है. 34 वरिष्ठ नेताओं की टीम गठित कर पार्टी मतदाता जागरूकता और नाम जोड़ने की प्रक्रिया को हर विधानसभा तक पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है.
जदयू ने उतारी ‘वोटर जागरूकता टीम’
पार्टी कार्यालय में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि 5 से 8 अगस्त तक राज्यभर की विधानसभाओं में 34 वरिष्ठ नेताओं की विशेष टीम दौरा करेगी. इस दौरान छूटे हुए वोटरों को सूची में जोड़ने, नामों में संशोधन और आपत्तियों के समाधान की प्रक्रिया को जमीनी स्तर तक पहुंचाया जाएगा.
युवा वोटरों पर फोकस
बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया गया कि 1 अक्टूबर 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर लेने वाले युवाओं का नाम मतदाता सूची में हर हाल में जोड़ा जाए. इसके लिए जन-जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है. युवाओं को मताधिकार की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेजों की जानकारी दी जाएगी.
टीम का मकसद केवल मतदाता सूची में नाम जोड़ना भर नहीं है. सीधे जनता से संवाद, मतदान अधिकार के प्रति जागरूकता और स्थानीय स्तर पर शिविरों का आयोजन इस अभियान का अहम हिस्सा होगा. पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी पात्र नागरिक मताधिकार से वंचित न रहे.
राजनीतिक संदेश भी साफ़
इस विशेष अभियान के जरिए जदयू विपक्ष को भी करारा जवाब देना चाहती है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, टीम न केवल सहयोग करेगी, बल्कि विपक्ष द्वारा पुनरीक्षण अभियान को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम का भी विरोध करेगी. कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर लोगों से मिलेंगे और “फर्जी दावा-आपत्ति” के आरोपों का तथ्यात्मक जवाब देंगे.
इस बैठक में मंत्री श्रवण कुमार, विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल के उपनेता सह कोषाध्यक्ष ललन कुमार सर्राफ, मुख्य सचेतक संजय गांधी, पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल हेगड़े, पूर्व सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, पूर्व मंत्री अजित चौधरी, विधान पार्षद विजय सिंह, मंजीत सिंह, पूर्व विधान पार्षद राजू यादव, अनिल कुमार, ई. शैलेन्द्र मंडल सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे.
यह टीम केवल मतदाता सूची की प्रक्रिया में सहयोग नहीं करेगी, बल्कि विपक्ष द्वारा विशेष पुनरीक्षण अभियान को लेकर लगाए जा रहे आरोपों का भी जवाब देगी. जदयू कार्यकर्ता अभियान के जरिये अपने मतदाताओं को जागरूक करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी प्रकार की राजनीतिक भ्रांति न फैले.