Bihar News: पटना. बिहार में सड़के अच्छी होने के बाद गाड़ियों की रफ्तार बढ़ गयी है. ऐसे में एनएच-एसएच किनारे खड़ी लावारिस और खराब गाड़ियां सड़क दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे रही हैं. परिवहन विभाग ने पूर्व में हुई समीक्षा के आलोक में एक अप्रैल से ऐसी गाड़ियों पर सख्ती से कार्रवाई करने का निर्देश डीटीओ, एडीटीओ, एमवीआइ एवं इएसआइ को दिया है. साथ ही, इन अधिकारियों को अलग-अलग हाइवे को चिह्नित कर गाड़ियों का फोटोग्राफ, लिस्ट तैयार कर रिपोर्ट तैयार करेंगे, ताकि कार्रवाई से पूर्व संबंधित गाड़ी मालिकों को नोटिस भेजा जा सके.
खड़ी गाड़ियों से छह प्रतिशत तक हो रही दुर्घटना
विभागीय समीक्षा में पाया गया है कि प्रति छह माह की दुर्घटना रिपोर्ट में कुल दुर्घटना का छह प्रतिशत दुर्घटनाओं में विभिन्न हाइवे पर किनारे में या बीच में खड़ी गाड़ियां हैं. इन खड़ी गाड़ियों के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं. परिवहन विभाग ने इन्हीं बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया है. विभाग का मानना है कि लावारिस गाड़ियां सड़क किनारे खड़ी रहने से यातायात व्यवस्था में दिक्कते होती है. विशेष रूप से कुहासे के मौसम में, इन लावारिस वाहनों के कारण दुर्घटनाओं की संभावना काफी बढ़ जाती है.
लावारिस वाहनों की पहचान कर तैयार होगी सूची
सभी जिला परिवहन अधिकारी, एडीटीओ, एमवीआइ और इएसआइ को निर्देशित किया गया है कि वे विभिन्न उच्च मार्गों पर लावारिस वाहनों की पहचान करेंगे.उन्हें एक विस्तृत सूची तैयार करनी होगी, जिसमें इन वाहनों की स्थिति, स्थान और फोटो रहेगा. वहीं, स्थानीय थानों से मिलकर इन वाहनों के खड़े रहने का कारण पता लगाकर रिपोर्ट को बनाना है.
सुबह में होती है अधिक दुर्घटनाएं
विभागीय समीक्षा में इसका भी खुलासा हुआ है कि हाइवे पर अधिकांश दुर्घटनाएं तीन बजे रात्रि से सुबह छह बजे के बीच में होती हैं. इस पहर अधिकतर चालक सुस्त हो जाते हैं और अचानक से उनकी पलके झपक जाती हैं. विभाग की समीक्षा में इस दौरान दुर्घटनाएं भी खड़ी गाड़ियों में अचानक से टक्कर लगने से होती हैं. कई बार यह भी देखा गया है कि गाड़ी हाइवे पर किनारे नहीं कर लोग सड़क पर ही छोड़कर चाय पीने या अन्य कारणों से रोक देते हैं और ऐसी खड़ी गाड़ियों में तेज रफ्तार की गाड़ी आकर टकरा जाती है.
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