Bihar News: बिहार के भागलपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ऑनलाइन गेम की लत ने चौथी कक्षा के दो बच्चों को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया. सिर्फ 10-11 साल की उम्र में ये बच्चे गेम में मिले ‘टास्क’ को पूरा करने के लिए 100 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के फरक्का पहुंच गए. परिजनों की शिकायत पर पुलिस हरकत में आई और सोशल मीडिया से लेकर रेलवे स्टेशनों तक बच्चों की खोज शुरू की गई. आखिरकार बच्चों को आरपीएफ की मदद से रविवार देर रात फरक्का से सकुशल बरामद कर लिया गया.
कॉपी-पेन खरीदने गए, लेकिन फिर लौटे नहीं
घटना पीरपैंती प्रखंड की है. हरदेवचक के धीरेंद्र भारती का बेटा चंचल राज और धुनियाचक के डब्लू पासवान का बेटा आशीष 28 जून को अचानक लापता हो गए थे. दोनों ने घरवालों से कहा था कि वे कॉपी-पेन खरीदने जा रहे हैं, लेकिन फिर लौटे नहीं. जांच में खुलासा हुआ कि दोनों ऑनलाइन गेम के एक ‘लीडर’ के निर्देश पर भागलपुर के हनुमान मंदिर के पास किसी से मिलने जा रहे थे. मगर गलती से मालदा-फरक्का पैसेंजर ट्रेन में चढ़ गए और सीधे फरक्का पहुंच गए.
फरक्का पहुंचने के बाद फेंका स्कूल यूनिफॉर्म
बच्चों ने फरक्का पहुंचने के बाद खुद को नए कपड़े दिलवाए, स्कूल यूनिफॉर्म फेंक दिया और गेम टास्क पूरा करने के लिए भटकते रहे. पीरपैंती पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज की और दोनों बच्चों की तस्वीरें सोशल मीडिया व रेलवे स्टेशन पर भेज दीं. रात करीब 1:30 बजे आरपीएफ ने फरक्का में बच्चों की पहचान की और स्थानीय पुलिस को सूचना दी.
पुलिस ने किया परिजनों के हवाले
एसडीपीओ अर्जुन कुमार गुप्ता के अनुसार, ये मामला ऑनलाइन गेम की गंभीरता को दर्शाता है. दोनों बच्चों को सोमवार को परिजनों के हवाले कर दिया गया है. यह घटना समाज के लिए एक बड़ा सबक है. बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखना अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है.