Bihar News: बिहार की राजधानी पटना और आसपास के इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के स्तर को छू रहा है, जिसके चलते डिहाइड्रेशन, लू (हीट स्ट्रोक) जैसी स्वास्थ्य समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. इस भीषण गर्मी का सीधा असर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है, जहां ठंडे पेय पदार्थों, आइसक्रीम, जूस, लस्सी और कुल्फी जैसे उत्पादों की मांग में अचानक वृद्धि हुई है. मांग बढ़ने के साथ ही इन उत्पादों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. शरीर को ठंडक पहुंचाने और ऊर्जावान बनाये रखने के लिए लोग बड़ी संख्या में ताजे फल, जूस और ठंडे पेय पदार्थों का सेवन कर रहे हैं. हालांकि, इस मौसम में बाजार में खुले में बिकने वाले पेय पदार्थ और फलों के जूस कितने सुरक्षित और फायदेमंद हैं, यह एक महत्वपूर्ण सवाल है.
गर्मियों में पानी के साथ मिनरल्स व विटामिन भी जरूरी
जनरल फिजिशियन डॉ अमित कुमार ने बताया कि गर्मियों में शरीर से पसीने के रूप में नमक और पानी की अधिक मात्रा निकलती है. इसके कारण शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बिगड़ सकता है. यह स्थिति डिहाइड्रेशन और लू लगने का मुख्य कारण बनती है. उन्होंने आगे बताया कि इस दौरान शरीर को पर्याप्त पानी के साथ-साथ मिनरल्स, विटामिन और प्राकृतिक शर्करा की भी आवश्यकता होती है, जो हमें मुख्य रूप से फलों और प्राकृतिक जूस से प्राप्त होती है.
खुले में बिकने वाले जूस स्वास्थ्य के लिए सही नहीं
डॉ. रूपम ने खुले में बिकने वाले जूस और अन्य पेय पदार्थों के सेवन को लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उत्पाद कई बार स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं. इनके बनने की प्रक्रिया में अक्सर साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है. खुले में रखे फलों पर धूल-मिट्टी और मक्खियां बैठती हैं, जो संक्रमण का कारण बन सकती हैं. इसके अलावा, कई बार जूस बनाने में जिस बर्फ का इस्तेमाल किया जाता है, उसका स्रोत भी साफ नहीं होता है, जिससे बीमारियों का खतरा और बढ़ जाता है. डॉ रूपम ने स्पष्ट रूप से बताया कि खुले में मिलने वाले जूस से टायफाइड, फूड प्वाइजनिंग और पेट संबंधी बीमारियों का खतरा काफी अधिक होता है. इसलिए, यदि जूस पीना ही है, तो उसे या तो घर पर ही ताजा तैयार करें या फिर किसी भरोसेमंद और स्वच्छ स्थान से ही खरीदें.
गन्ने के रस में बर्फ : बरतें विशेष सावधानी
गर्मियों में गन्ने का रस एक लोकप्रिय पेय है, लेकिन इसमें बर्फ मिलाना तब और भी खतरनाक हो सकता है जब वह साफ पानी से न बनी हो. सड़क किनारे या खुली दुकानों पर इस्तेमाल होने वाली बर्फ कई बार अस्वच्छ पानी से बनायी जाती है. ऐसे पानी में हानिकारक बैक्टीरिया, वायरस और केमिकल्स मौजूद हो सकते हैं, जो पेट में संक्रमण, टायफाइड, डायरिया और फूड फूड प्वाइजनिंग जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं. इसके अतिरिक्त, बहुत अधिक बर्फ वाला गन्ने का रस पीने से गले में खराश, सर्दी-जुकाम और पेट की समस्याएं भी हो सकती हैं.
किस तरह के फलों के जूस का करें सेवन?
गर्मी के मौसम में शरीर को हाइड्रेटेड रखने और आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने के लिए कुछ विशेष फलों के जूस अत्यंत लाभकारी हो सकते हैं.
नींबू पानी: नींबू पानी एक सस्ता, सरल और अत्यंत प्रभावी पेय है. यह शरीर को तुरंत हाइड्रेट करता है और विटामिन सी की कमी को पूरा करने में मदद करता है. इसमें थोड़ा सा काला नमक और चीनी मिलाकर इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को भी सुधारा जा सकता है.
आम पन्ना: कच्चे आम से बना आम पन्ना गर्मी में लू से बचाव के लिए एक बेहतरीन उपाय है. इसमें ग्लूकोज और आवश्यक इलेक्ट्रोलाइट्स भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और डिहाइड्रेशन से बचाते हैं.
बेल का शरबत: बेल का शरबत पेट के लिए रामबाण माना जाता है. यह कब्ज और गैस जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है. गर्मियों में यह एक उत्कृष्ट पाचक और शीतल पेय है.
अपनी सेहत का ध्यान रखें और गर्मी से सुरक्षित रहें
भीषण गर्मी में ताजे फल और जूस निश्चित रूप से शरीर को हाइड्रेटेड रखने और ऊर्जा प्रदान करने का एक अच्छा तरीका है. हालांकि, खुले में बिकने वाले जूस और पेय पदार्थों की गुणवत्ता और स्वच्छता को लेकर सावधानी बरतना बहुत जरूरी है. बीमारियों से बचने के लिए या तो घर पर ही जूस तैयार करें या फिर किसी विश्वसनीय और साफ-सुथरी जगह से ही खरीदें. नींबू पानी, आम पन्ना और बेल का शरबत जैसे प्राकृतिक पेय इस मौसम में स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकते हैं. अपनी सेहत का ध्यान रखें और गर्मी से सुरक्षित रहें.
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