Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी चुनावी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है. पार्टी ने पटना में एक आधुनिक ‘इलेक्शन वॉर रूम’ की स्थापना की है, जहां से आगामी चुनाव से जुड़ी सारी गतिविधियों का संचालन किया जाएगा. इस वॉर रूम की जिम्मेदारी अनुभवी भाजपा नेता रोहन गुप्ता को सौंपी गई है, जो पहले दिल्ली, झारखंड और हरियाणा के चुनावों में भी सफलतापूर्वक यह भूमिका निभा चुके हैं.
बूथ स्तर पर जुटाई जा रही जानकारी
पार्टी ने इस वॉर रूम के संचालन के लिए 135 से 150 वॉलंटियर्स को नियुक्त किया है, जिन्होंने कॉल सेंटर में काम करना शुरू कर दिया है. ये वॉलंटियर्स बूथ और मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधे संपर्क कर रहे हैं. उनका मुख्य काम वोटर प्रोफाइल तैयार करना, नए मतदाताओं को सूची में जोड़ने में मदद करना और यह सुनिश्चित करना है कि संगठन की हर गतिविधि निचले स्तर तक पहुंचे.
इसके अतिरिक्त, जिन क्षेत्रों में भाजपा की बड़ी जनसभाएं या रैलियां आयोजित होने वाली हैं, वहां के कार्यकर्ताओं को भी पहले से सूचित किया जा रहा है. यानी पार्टी अब कोई मौका गंवाना नहीं चाहती.
महिला वोटर्स तक पहुंचने की रणनीति
भाजपा इस बार न केवल अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से फीडबैक ले रही है, बल्कि संभावित एनडीए उम्मीदवारों की लोकप्रियता और स्थानीय स्तर पर स्वीकार्यता का भी आंकलन किया जा रहा है. महिला वोटरों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने के लिए भी विशेष योजना बनाई जा रही है, जिससे महिला मतदाताओं को भाजपा की योजनाओं और उपलब्धियों से जोड़ा जा सके.
सीट बंटवारे पर भी गहन चर्चा
भाजपा के प्रदेश सचिव (संगठन) भीखूभाई दलसानिया खुद विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और जमीनी हालात का आंकलन कर रहे हैं. हालांकि, हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के कारण उनका कार्यक्रम कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब फिर से वह अपने दौरे पर लौटने वाले हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत शुरू हो गई है. भाजपा उन सीटों को सहयोगी दलों से मांग सकती है, जहां वह लगातार तीन बार हार चुकी है, और बदले में उन्हें ऐसी सीटें देने की योजना है जहां उनकी जीत की संभावना अधिक है.
सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क
अगले एक महीने में यह वॉर रूम सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भी संपर्क करेगा. इसका मकसद यह जानना होगा कि लोगों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं और उनके अनुभव क्या हैं. इससे भाजपा को अपनी नीतियों के प्रचार-प्रसार में मदद मिलेगी और मतदाताओं से सीधा जुड़ाव भी सुनिश्चित होगा.
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