Chirag Paswan: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में तेजी लाते हुए लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपने चुनावी अभियान का बिगुल बजा दिया है. पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान 8 जून को आरा में ‘नव संकल्प महासभा’ के माध्यम से शाहाबाद और मगध अंचल के सात जिलों में अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास करेंगे.
एक लाख से ज्यादा लोगों को जुटाने की है योजना
पार्टी ने इस महासभा को ऐतिहासिक बनाने का दावा किया है. 33 विधानसभा सीटों को टारगेट करते हुए एक लाख से ज्यादा लोगों को जुटाने की योजना है. अरवल, औरंगाबाद, कैमूर और रोहतास जैसे जिलों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थकों को आमंत्रित किया गया है. अरवल जिला इस अभियान का मुख्य केंद्र होगा, जिसे पार्टी संगठन की दृष्टि से बेहद अहम मान रही है.
‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ को जनता से जोड़ने की रणनीति
पार्टी प्रवक्ता राजू तिवारी ने बताया कि नव संकल्प महासभा सिर्फ एक दिन का कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक व्यापक अभियान की शुरुआत है. आने वाले समय में इसे बिहार के हर जिले में आयोजित किया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि चिराग पासवान के ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ विजन से प्रभावित होकर युवा और बुद्धिजीवी बड़ी संख्या में लोजपा (रामविलास) से जुड़ रहे हैं.
चिराग के चुनाव लड़ने की अटकलें तेज
इस बीच चिराग पासवान के आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर भी चर्चा तेज हो गई है. राजू तिवारी ने संकेत दिया कि पार्टी कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि चिराग मैदान में उतरें, और खुद चिराग भी इसके लिए इच्छुक हैं. उन्होंने कहा, “बिहार चिराग की नस-नस में है, और जनता उन्हें अपना नेतृत्वकर्ता मानती है.”
नीतीश के नेतृत्व पर अब भी कायम एनडीए में भरोसा
हालांकि सीएम फेस को लेकर भ्रम की स्थिति को स्पष्ट करते हुए पार्टी ने दोहराया कि लोजपा (आर) नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए के साथ चुनाव लड़ेगी. लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि “हर पार्टी चाहती है कि उसका नेता मुख्यमंत्री बने, जैसे बीजेपी चाहती है, वैसे ही हम भी चाहते हैं.”
2020 में उतारे थे 137 सीटों पर उम्मीदवार
गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) ने अकेले 137 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिससे खासतौर पर जेडीयू को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. ऐसे में इस बार भी लोजपा (आर) की रणनीति पर सभी की नजरें टिकी हैं.
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