Bihar Weather: बिहार में एक जून से 11 जुलाई तक सामान्य से 52.6 फीसदी कम बारिश हुई. इससे धान की खेती पर सीधा असर पड़ा है. राज्य के लगभग 17 जिलों में धान की रोपनी न के बराबर हुई है. औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, गया, कैमूर, खगड़िया, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पटना, शेखपुरा, शिवहर, सीवान, सुपौल में अभी धान की रोपनी ना के बराबर हुई है. इधर, कृषि विभाग का दावा है कि राज्यभर में 3.622 लाख हेक्टेयर लगभग 99 फीसदी में धान का बिचड़ा डाल दिया गया है. जबकि दो लाख 50 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है. राज्यभर में लगभग 18 फीसदी धान की रोपनी हुई है. दरभंगा, गोपालगंज, कटिहार, मधुबनी, पूर्णिया, सहरसा, सीतामढ़ी, वैशाली जिले में धान की रोपनी रफ्तार थोड़ी तेज है. इनमें से कई जिलों में धान रोपनी का आंकड़ा 20 फीसदी से पार है. गोपालगंज, कटिहार, सहरसा, पूर्णिया में धान रोपनी की रफ्तार तेज गति से बढ़ रही है.
बीते साल से चार गुना कम हुई बारिश
कृषि विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते साल 2024 में एक जुलाई से 11 जुलाई तक सामान्य से 36 फीसदी अधिक बारिश हुई थी. जबकि इस साल एक जुलाई से 11 जुलाई के बीच 125.2 एमएम बारिश होनी चाहिए थी. इसमें अभी तक 32.4 एमएम बारिश हुई है. 74.1 फीसदी बारिश कम हुई है. वहीं, बीते साल एक जून से 11 जुलाई तक 13.3 फीसदी ही कम बारिश हुई थी. जबकि इस साल इस अवधि में 136.8 एमएम ही बारिश हुई है, जो सामान्य बारिश 288.5 है. इस हिसाब से पूरे राज्य में 52.6 फीसदी कम बारिश हुई है.
83 हजार हेक्टेयर में लगा मक्का
कृषि विभाग के अनुसार 83 हजार हेक्टेयर में मक्का, 10 हजार 600 हेक्टेयर में अरहर की खेती हुई है. 19 हजार 850 हेक्टेयर में कुन दलहन और पांच हजार आठ सौ हेक्टेयर में मोटे अनाज की बुआई अब तक की गयी है. मक्का, 32 फीसदी, अरहर 19, कुल दलहन 20 % और मोटे अनाज की बुआई नौ फीसदी लक्षित एरिया में की जा चुकी है.
डीजल अनुदान के लिए एक सौ करोड़ रिजर्व
कम बारिश को देखते हुए सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी है. सरकार की ओर से डीजल अनुदान के लिए एक सौ करोड़ रुपये रिजर्व कर दिये गये हैं. राज्य में अनियमित मॉनसून या सूखे या अल्पवृष्टि जैसे हालात में ये राशि किसानों को दी जायेगी. कृषि विभाग का कहना है कि डीजल अनुदान के लिए राशि रिजर्व करने की कवायद विभाग करता रहा है. इससे बिहार में सूखा पड़ गया है, इससे जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.
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