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Bihar Weather: बिहार में मानसून की दगाबाजी, अब ट्रफ रेखा दक्षिण की तरफ हटी, प्रदेश के 20 जिलों में पड़ेगी सूखा

Bihar Weather: बिहार के 20 जिले में अवर्षा की स्थिति है. एक तरह से यह जिले सूखे की दहलीज पर हैं. इन 20 जिलों में अब तक सामान्य ये 50 से 89% तक कम बारिश हुई है. शेष 18 में से 14 जिले ऐसे हैं, जहां बारिश की मात्रा सामान्य से कम(ऋणात्मक) ही है. केवल चार जिलों में बारिश सामान्य के आसपास है. इनमें केवल गया जी ही एक मात्र ऐसा जिला है, जहां सामान्य से 32% अधिक यानी की अच्छी बारिश हुई है.

राजदेव पांडेय/ Bihar Weather: पटना. बिहार में बारिश का यह आंकड़ा खेती के लिहाज से अत्यंत डरावना है. वह यूं कि बिहार में अभी तक सामान्य से सबसे कम 44 % बारिश हुई है. यह देश में केवल मेघालय को छोड़कर सबसे कम बारिश है. चूंकि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ खरीफ की खेती विशेषकर धान मानी जाती है. इसलिए अभी तक केवल करीब 129 मिलीमीटर बारिश का होना चिंता की बात बन गयी है.

खास बात-पड़ौस राज्यों में सामान्य बारिश और बिहार में कम

बिहार की मानसून की बारिश की कमजोर स्थिति भयावह स्थिति का संकेत है. आइएमडी के अनुसार बिहार के पड़ौसी राज्यों में बारिश सामान्य या इसके आसपास है. उदाहरण के लिए झारखंड में सामान्य से 69% अधिक हुई है. गंगेटिक पश्चिमी बंगाल में सामान्य से 12% अधिक बारिश हो चुकी है. इसी तरह पश्चिमी बंगाल और बिहार के पड़ौसी उत्तरप्रदेश में बारिश सामान्य है.

बिहार में शुरू हुआ ड्राई स्पेल

फिलहाल बिहार में मानसून का ‘ड्राइ-स्पेल’ शुरू हो चुका है. कुल मिलाकर बारिश होने के बाद अवर्षा की स्थिति पैदा हो गयी है. यह ड्राइ स्पेल कब तक चलेगा? अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. ‘ड्राइ-स्पेल’ की वजह मानसून ट्रफ वर्तमान में अपनी सामान्य स्थिति या रूट से दक्षिण की तरफ खिसक गयी है. इसकी सामान्य स्थिति दक्षिण सीमा के निकट गया जी जिले के ठीक नीचे से गुजरती है. इसलिए सामान्य स्थिति में उसके प्रभाव से बिहार में बारिश के तमाम सिस्टम बन जाते थे. चूंकि अब ट्रफ रेखा और दक्षिण की तरफ हट गयी है. इसलिए बिहार में बारिश कम हो गयी है. आइएमडी ने बिहार में सामान्य से कम बारिश का पूर्वानुमान भी जारी किया है.

क्या है यह मानसून ट्रफ

मानसून ट्रफ एक निम्न दबाव का क्षेत्र है, जो पाकिस्तान से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैला होता है. इसमें नमी युक्त हवाएं होती है. खास बात है कि इसके दक्षिण में ही बारिश होती है. यह मानसून बादलों को आकर्षित करता है.यह पिछले तीन सलाों से बिहार से दूर दक्षिण-मध्य भारत की तरफ लंबे समय के लिए शिफ्ट हो जाती है.

इससे पहले झेला मानसून ब्रेक

शुरुआती दौर में बिहार में मानसून ब्रेक की स्थिति बनी. करीब 19 दिन बिहार की सीमा के निकट मानसून बिना बारिश के रुका रहा. बिहार में दक्षिण-पश्चिमी मानसून बिहार के निकट पश्चिमी बंगाल में 29 मई से ही रुका रहा. ठीक 19 दिन बाद 17 जून को फिर सक्रिय हुआ है.

वे जिले जहां अभी अवर्षा की स्थिति

सहरसा में बारिश सामान्य से 89 % कम, सीतामढ़ी में सामान्य से 82%, मुजफ्फरपुर में 80%, मधेपुरा में 74 %, पूर्वी चंपारण में 72%, समस्तीपुर में 71%, सारण और शिवहर में 70 % , बेगूसराइ और खगड़िया में 68 %, मधुबनी और सुपौल में 67 %, दरभंगा में 63%, वैशाली, पूर्णिया, भोजपुर और गोपालगंज में 60 %, , अरवल में 53 %, अररिया में 51 % और पश्चिमी चंपारण में सामान्य से 50 % कम बारिश दर्ज की गयी है.पटना जिले में सामान्य से 46 फीसदी कम बारिश हुई है.

ड्राई स्पेल शुरू है, किसान रहें सतर्क

आईएमडी पटना के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एवं क्षेत्रीय अधिकारी आशीष कुमार ने बताया कि निश्चित तौर पर बिहार में मानसून सिस्टम कमजोर हुआ है. एक तरह से ड्राइ स्पेल की स्थिति है. ट्रफ लाइन सामान्य से काफी दक्षिण की तरफ शिफ्ट हो गयी है. इसलिए अभी कम बारिश के आसार हैं. किसानों को सतर्क होकर खेती की तैयारी करनी चाहिए.

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