इस्राइली तकनीक पर आधारित ‘कॉर्नर शॉट वेपन सिस्टम’ सहित कई अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगी स्पेशल टास्क फोर्स
संवाददाता, पटना
बिहार की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) अब अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर और अधिक घातक तथा तकनीकी रूप से सक्षम बनने जा रही है. राज्य सरकार ने एसटीएफ को हाइटेक बनाने के लिए जिन उपकरणों की खरीद की स्वीकृति दी है, उनमें सबसे खास है ‘कॉर्नर शॉट वेपन सिस्टम’. यह ऐसा हथियार है जो जवान को सामने आए बिना ही दुश्मन को ढेर करने की ताकत देगा. यह इस्राइली तकनीक पर आधारित विशेष प्रणाली है, जो आमतौर पर सिर्फ इंटरनेशनल स्पेशल फोर्सेज के पास होती है.‘कॉर्नर शॉट’ एक ऐसा हथियार है जिसे कोने से मोड़कर चलाया जा सकता है. यह सामने मौजूद खतरे से जवान को बचाते हुए मोड़ के पीछे छिपे दुश्मन को निशाना बनाने में सक्षम होता है. इसमें एक कैमरा, स्क्रीन और ट्रिगर सिस्टम होता है, जिससे ऑपरेटर सुरक्षित स्थान से ही लक्ष्य पर सटीक गोली चला सकता है. बिहार एसटीएफ के लिए इसकी दो यूनिट खरीदी जा रही हैं. इससे न केवल जान का जोखिम कम होगा, बल्कि शहरी घेराबंदी और बंधक जैसी परिस्थितियों में ऑपरेशन अधिक प्रभावी होगा. एसटीएफ को कई ऐसे हथियार और उपकरण मिलने जा रहे हैं जो अब तक राज्य पुलिस के पास नहीं थे. अंधेरे में ऑपरेशन के लिए नाइट विजन डिवाइस (एनवीडी), छिपे हुए अपराधियों का पता लगाने के लिए वॉल रडार सिस्टम और बिना जान लिए अपराधियों को बेअसर करने वाला एनएलआइडी जैसे अत्याधुनिक सिस्टम अब एसटीएफ के पास होंगे. इनका इस्तेमाल नक्सल प्रभावित इलाकों से लेकर संगठित आपराधिक गिरोहों के सफाए तक में किया जायेगा.
रात के अंधेरे में भी ऑपरेशन संभव
नाइट विजन डिवाइस की 10 यूनिट एसटीएफ को मिलेंगी, जिनसे रात के अंधेरे में भी ऑपरेशन संभव हो सकेगा. वहीं 10 यूनिट एनएलआइडी (नॉन लीथल इनकैपेसिटिंग डिवाइस) बिना गोली चलाए अपराधी को निष्क्रिय करने में मदद करेंगे. वॉल रडार सिस्टम दीवारों के आरपार गतिविधि को पहचानने वाला रडार है, जिससे घेराबंदी या इमारत में छिपे अपराधियों की सटीक जानकारी मिलेगी.
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