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BRA Bihar University: गाइड आवंटन में विभागाध्यक्ष की मनमानी, शोधार्थियों ने वायरल किया तस्वीर

BRA Bihar University के एक विभागाध्यक्ष ने नियमों की धज्जियां उडाते हुए विभाग के किसी शिक्षक को कानो-कान खबर नहीं होने दी और कुछ समय पूर्व ही विश्वविद्यालय विभाग में स्थानांतरित एक कृपापात्र गेस्ट टीचर तथा अपने अधीनस्थ एक शोधार्थी के साथ मिलकर गुपचुप ढंग से गाइड आवंटन कर दिया.

BRA Bihar University बी आर ए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के जंतु विज्ञान विश्वविद्यालय विभाग के शोधार्थियों ने विभागाध्यक्ष प्रो शिवानंद सिंह पर नियमों की अनदेखी करते हुए मनमाने ढंग से गाइड आवंटित करने का आरोप लगाया है. समाचारपत्रों में प्रकाशित खबरों का हवाला देते हुए आक्रोशित शोधार्थियों ने बताया कि कुलपति द्वारा विभागाध्यक्षों की मीटिंग में इस संदर्भ में स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किया गया था कि छात्रों को गाइड के लिए तीन विकल्प दिए जाएंगे जिनमें से एक का चुनाव परस्पर सहमति से किया जा सकेगा.

लेकिन शोधार्थियों से विकल्प लेने की बात तो दूर विभागाध्यक्ष ने गाइड बनाए जा रहे किसी शिक्षक से भी सहमति लेना जरूरी नहीं समझा. आम तौर पर ऐसे मामलों में विभागीय शोध परिषद (डिपार्टमेंटल रिसर्च काउंसिल) की स्वीकृति लेने के बाद ही अनुशंसा की जाती है. खुद कुलपति महोदय ने भी विभागाध्यक्षों की बैठक में डिपार्टमेंटल रिसर्च काउंसिल की महत्ता को रेखांकित किया था.

लेकिन विभागाध्यक्ष ने नियमों की धज्जियां उडाते हुए विभाग के किसी शिक्षक को कानो-कान खबर नहीं होने दी और कुछ समय पूर्व ही विश्वविद्यालय विभाग में स्थानांतरित एक कृपापात्र गेस्ट टीचर तथा अपने अधीनस्थ एक शोधार्थी के साथ मिलकर गुपचुप ढंग से गाइड आवंटन करते हुए सम्बंधित प्रिंसिपल और गाइड को चिट्ठी जारी कर दी। विभागाध्यक्ष की सेवा अभी कुछ महीने ही बची है लेकिन उन्होंने अपने निर्देशन में, आवंटित कोटा को अतिक्रमित करते हुए, कुछ और शोध छात्र रख लिया है.

उल्लेखनीय है कि यूजीसी ने पीएच डी पूरा करने के लिए तीन वर्ष की न्यूनतम अवधि निर्धारित की है, इसीलिए प्रतिष्ठित शोथ संस्थानों में यह परिपाटी है कि तीन साल से कम सेवा वाले शिक्षक अपने अंदर नए पीएच डी शोध छात्र नहीं लेते. लेकिन स्थापित परम्पराओं की बात कौन कहे यहां तो विहित प्रक्रियाओं को भी धत्ता बताया जा रहा है.

कोर्स वर्क की समाप्ति के बाद ली गई परीक्षा का परीक्षाफल भी आज तक औपचारिक रूप से नहीं जारी किया गया है और न ही उत्तीर्ण छात्रों का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन (पीपीटी) करवाया गया. नियमानुसार कोर्स वर्क के अंत में उत्तीर्ण छात्रों को एक विशेषज्ञ समिति, जिसमें विश्वविद्यालय के बाहर के एक वरिष्ठ प्रोफेसर भी शामिल होंगे, के समक्ष अपनी रुचि के शोध विषय पर पीपीटी करवाया जाता है जिससे शोध के विषय में छात्र की अभिरुचि का आकलन किया जा सके और प्रात अनुशंसा पर ही शोध कार्य के लिए उनका चयन हो.

लेकिन इन सभी प्रक्रियात्मक अनिवार्यताओं की धज्जियां उडाते हुए विभागाध्यक्ष ने अपने चहेतों को तो मनपसंद गाइड आवंटित कर दिया जबकि अन्य को ऐसे गाइड आवंटित कर दिया है जो गाइड बनने के लिए यूजीसी द्वारा निर्धारित अहर्ता भी पूरी नहीं करते या फिर उनकी विशेषज्ञता किसी अन्य क्षेत्र में है। इस संदर्भ में सीतामढी के एक कालेज शिक्षक का काफी आतंक छात्रों में है और कहा जा रहा है कि जो विभागाध्यक्ष के कृपा पात्र नहीं हैं उन्हें सजा स्वरूप वहां भेजा जा रहा है।

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सूत्र बताते हैं कि जंतु विज्ञान विभाग के वर्तमान विभागाध्यक्ष विज्ञान संकायाध्यक्ष भी हैं और वर्षों से सीनेट और सिंडिकेट के सदस्य भी हैं इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन भी उनकी ओर आंख उठाने की हिम्मत नहीं करता और वे अपनी स्वेच्छाचारिता के लिए कुख्यात हैं. ज्ञातव्य है कि लगभग तीन वर्ष पूर्व प्रतिष्ठित लंगट सिंह कालेज के छात्रों ने उन पर प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान अवैध वसूली का आरोप भी लगाया था और फोटो साक्ष्य भी प्रस्तुत किया था जिसे आपके समाचार पत्र ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया था लेकिन कोई कार्रवाई करने की बात तो दूर रही, विश्वविद्यालय प्रशासन स्पष्टीकरण पूछने की भी हिम्मत नहीं जुटा सका.


इसीलिए विश्वविद्यालय प्रशासन से भी शोधार्थियों को कोई खास उम्मीद नहीं है. चूँकि बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा जंतु विज्ञान विषय में सहायक प्रथ्यापक पद पर नियुक्ति के लिए अगामी अंतर्वीक्षा में विषय के आंतरिक विशेषज्ञ के रूप इनकी नियुक्ति की खबरें जोरों पर हैं इसलिए कई नेट/ जेआरएफ शोध छात्र भी इनसे पंगा लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे और इस उम्मीद में हैं कि नियमानुकूल काम करने के लिए सुविख्यात वर्तमान कुलपति स्वत: संज्ञान लेंगे और नियमों के प्रतिकूल किए गए इस गाइड आवंटन को रद्द कर, वर्तमान विभागाध्यक्ष को इस प्रक्रिया से अलग रखते हुए, डिपार्टमेंटल काउंसिल द्वारा नियमानुकूल गाइड आवंटन का आदेश जारी करेंगे.

https://www.youtube.com/watch?v=-1EchcP9IwQ
RajeshKumar Ojha
RajeshKumar Ojha
Senior Journalist with more than 20 years of experience in reporting for Print & Digital.

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