Bridge Safety Audit in Bihar: बिहार में पुलों की सुरक्षा को लेकर अब कोई समझौता नहीं होगा. राज्य सरकार ने देश की पहली ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी 2025 लागू करते हुए बड़ा कदम उठाया है. मंगलवार, 24 जून 2025 को बिहार राज्य पुल निर्माण निगम ने IIT पटना और IIT दिल्ली के साथ ऐतिहासिक समझौता किया. इसके तहत पहले चरण में 250 मीटर से अधिक लंबाई वाले 85 बड़े पुलों की संरचनात्मक और सुरक्षा जांच की जाएगी.
IIT पटना और दिल्ली को सौंपी गई ज़िम्मेदारी
समझौते के तहत IIT पटना दक्षिण बिहार के 45 पुलों का स्ट्रक्चरल और सेफ्टी ऑडिट करेगा, वहीं IIT दिल्ली उत्तर बिहार के 40 पुलों की जांच करेगा. पटना में आयोजित कार्यक्रम में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन की उपस्थिति में इस करार पर हस्ताक्षर किए गए. मंत्री ने इसे बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर इतिहास में मील का पत्थर बताया.
तकनीक से होगा हर पुल का डिजिटल हेल्थ चेकअप
ऑडिट के दौरान ड्रोन कैमरे, सेंसर, नॉन-डिस्ट्रक्टिव टेस्टिंग, डिजिटल इमेजिंग और लोड टेस्ट जैसे अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाएगा. इसके आधार पर प्रत्येक पुल का ब्रिज हेल्थ इंडेक्स और मेंटेनेंस प्रायोरिटी इंडेक्स तैयार किया जाएगा, जिसके आधार पर मरम्मत और रेट्रोफिटिंग की कार्य योजना बनेगी.
17 करोड़ की स्वीकृति, तीसरे पक्ष से होगा मरम्मत कार्य
पथ निर्माण विभाग ने इस प्रोजेक्ट के लिए 17 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी है. पुल निर्माण निगम इन पुलों की मरम्मत का काम थर्ड पार्टी एजेंसियों से कराएगा, जिससे गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके.
IIT के विशेषज्ञ करेंगे निगरानी, इंजीनियरों को विशेष प्रशिक्षण
इस परियोजना से जुड़े विशेषज्ञों में IIT पटना के डॉ. वैभव सिंघल और डॉ. अरविंद के झा, जबकि IIT दिल्ली से डॉ. अर्पित जैन और डॉ. सुप्रतीक गुप्ता प्रमुख भूमिका निभाएंगे. इसके अतिरिक्त 600 इंजीनियरों को भौतिक निरीक्षण के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है.
मेगा पुलों पर रीयल टाइम मॉनिटरिंग की तैयारी
विशेष रूप से आरा-छपरा और अरवल-साहर जैसे मेगा पुलों के लिए रीयल टाइम स्ट्रक्चरल हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने की दिशा में भी काम हो रहा है. IIT दिल्ली को इसका प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है.
बिहार में बन चुके हैं 3968 पुल, ज़रूरत है समय पर निगरानी की
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि पिछले 18 वर्षों में राज्य में 3,968 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण हुआ है, जिनमें 532 मेगा या बड़े पुल हैं। लेकिन इनकी नियमित निगरानी और रखरखाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बना रहता है।
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पुल टूटने की घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
हाल के वर्षों में कई पुलों के ढहने की घटनाएं, जैसे समस्तीपुर के बैरियाहाटी घाट पुल की स्थिति, ने सिस्टम की गंभीरता उजागर कर दी थी. इसलिए यह नया ऑडिट सिस्टम बिहार को देश का पहला ऐसा राज्य बना रहा है जो हर पुल की स्थिति को वैज्ञानिक रूप से ट्रैक करेगा.