संवाददाता, पटना
सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि आरोपी की पहचान पटना निवासी बिट्टू कुमार के रूप में हुई है. यह गिरफ्तारी 17 अप्रैल को की गयी. इससे पहले 15 अप्रैल को सीबीआइ को एक शिकायत मिली, जिसमें पीड़ित ने बताया कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने जल कनेक्शन की समस्या का बहाना बनाकर उसे एक मालवेयरयुक्त एपीके फाइल इंस्टॉल करने के लिए कहा और उसके मोबाइल फोन में अवैध रूप से पहुंच बनायी.
सीबीआइ की जांच में सामने आया है कि आरोपी ने दिल्ली जल बोर्ड के लोगो का उपयोग कर अपने को सरकारी कर्मचारी की तरह प्रस्तुत किया और इसी भरोसे में पीड़ितों से मोबाइल में मालवेयर इंस्टॉल करवा लिया. इससे आरोपी को पीड़ितों के व्हाट्सएप अकाउंट, वित्तीय डेटा और अन्य निजी जानकारियों तक पहुंच मिल गयी. इसके बाद इन समझौता किये गये व्हाट्सएप खातों का इस्तेमाल कर दुर्भावनापूर्ण लिंक भेजे गये, जिससे यह धोखाधड़ी और अधिक लोगों तक फैलती गयी.सीबीआइ अधिकारी ने बताया कि जब कोई उपयोगकर्ता इस एपीके को इंस्टॉल करता था, तो यह उसकी डिवाइस की संवेदनशील जानकारी तक अनधिकृत पहुंच दे देता था. यह मालवेयर की-बोर्ड पर की गई टाइपिंग को रिकॉर्ड कर सकता था, स्क्रीनशॉट ले सकता था और संदेशों को रोक सकता था. इसके ज़रिए बैंकिंग ऐप्स तक पहुंच बनाकर अनधिकृत लेन-देन किए जा सकते थे.”
बिट्टू कुमार को पटना की एक अदालत में प्रस्तुत किया गया, जहां से सीबीआइ को उसे दिल्ली लाने के लिए चार दिन की ट्रांजिट रिमांड प्राप्त हुई. सीबीआइ के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है और आरोपी के संभावित सहयोगियों की पहचान की जा रही है. जांच अभी जारी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है