Census News: देशभर में जनगणना का काम शुरू किए जाने की तैयारी सरकार कर रही है. घरों की गिनती के साथ आगामी जनगणना शुरू होने वाली है. एक अप्रैल 2026 से यह काम शुरू होगा. दशकी प्रक्रिया के पहले चरण की शुरुआत इसी से होगी. भारत के महापंजीयक ने यह जानकारी दी है और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है. केंद्र के द्वारा कराए जाने वाले जगनणना का काम बिहार में भी इसके साथ ही शुरू हो जाएगा.
1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा काम
बिहार में राज्य सरकार ने अपने स्तर से ही जातीय गणना का काम पहले करा लिया है. अब केंद्र सरकार जनगणना करवा रही है. इसमें जातीय गणना भी होगी. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जो पत्र भारत के जनगणना आयुक्त और महापंजीयक मृत्युंजय कुमार नारायण ने भेजा है, उसमें कहा है कि घरों का सूचीकरण अभियान और आवास गणना आगामी 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगी. यानी अगले साल से यह प्रक्रिया शुरू होगी.
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पहले गणकों की होगी नियुक्ति…
इससे पहले राज्यों और जिला प्रशासन के सहयोग से निरीक्षकों और गणकों की नियुक्ति की जाएगी. जनगणना के लिए सभी गांवों और कस्बों को एक समान गणना प्रखंडों में बांटा जाएगा. हर प्रखंड के लिए एक गणक नियुक्त होगा ताकि चूक या दोहराव नहीं हो.
दो फेज में होगा जनगणना का काम
जनगणना दो चरणों में होगा. पहले फेज में घरों का सूचीकरण अभियान चलेगा. जिसमें हर एक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं के बारे में जानकारी जुटायी जाएगी. उसके बाद दूसरे फेज का काम शुरू होगा. इसमें जनसंख्या गणना (PE) होना है जिसमें हर घर में प्रत्येक व्यक्ति का जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी जमा की जाएगी. इस फेज की शुरुआत 1 फरवरी 2027 से होगी. जनगणना में जातियों की भी गिनती होगी.
पूछे जाएंगे ये प्रश्न…
सर्वेक्षण के दौरान विभिन्न घरों में फोन, इंटरनेट, वाहन (साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जीप, वैन) और उपकरणों (रेडियो, टीवी, ट्रांजिस्टर) आदि के मालिकाना हक के बारे में पूछा जायेगा. लोगों से अनाज उपभोग, पेयजल और प्रकाश के स्रोत, शौचालयों के प्रकार और सुलभता, अपशिष्ट जल निपटान, स्नान और रसोई की सुविधाओं, खाना पकाने के लिए प्रयुक्त ईंधन और एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन के बारे में भी पूछा जाएगा.
इन सवालों का भी लिया जाएगा जवाब…
घर के फर्श, दीवारों और छत के लिए प्रयुक्त सामग्री, इसकी स्थिति, घर में रहने वालों की संख्या, कमरों की संख्या, विवाहित जोड़ों की उपस्थिति और क्या घर की मुखिया महिला है या अनुसूचित जाति या जनजाति से संबंधित है, ये सब प्रश्न भी पूछे जाऐंगे.