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बिहार से 12 हजार बच्चे लापता, चार वर्षों में दर्ज हुए 24 हजार गुमशुदगी के एफआइआर

Children Missing: प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 से पिछले चार साल के दौरान देश भर में लापता हुए बच्चों में से करीब 36 हजार बच्चों की कोई जानकारी नहीं है. वहीं लापता बच्चों में से करीब तीन लाख बच्चों की बरामदगी विभिन्न राज्यों की पुलिस और केंद्रीय पुलिस ने की है.

Children Missing:पटना. बिहार में वर्ष 2020 से अब तक करीब चार साल के दौरान करीब 24 हजार बच्चे लापता हुये हैं. इसमें से करीब 12 हजार 600 बच्चों को पुलिस ने सही सलामत बरामद कर लिया है. जबकि करीब 12 हजार बच्चे अब भी लापता हैं. केंद्र सरकार ने यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी है. केंद्र के हलफनामे में कहा गया है कि देश भर में सबसे अधिक बच्चों के लापता होने की सूचना मध्य प्रदेश से है. वहां से करीब पांच साल में 58 हजार 665 बच्चे लापता हुये और इसमें से करीब 45 हजार 585 बच्चों को चार महीने में ही बरामद कर लिया. केंद्र की सुप्रीम कोर्ट को सौंपी इस रिपोर्ट में बाल तस्कर गिरोहों के सक्रिय होकर घटना की आशंका जतायी गयी है. इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 से पिछले चार साल के दौरान देश भर में लापता हुए बच्चों में से करीब 36 हजार बच्चों की कोई जानकारी नहीं है. वहीं लापता बच्चों में से करीब तीन लाख बच्चों की बरामदगी विभिन्न राज्यों की पुलिस और केंद्रीय पुलिस ने की है.

देश भर में लापता हुए बच्चों की संख्या करीब 36 हजार

दरअसल बच्चों के गायब होने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक मामले को लेकर जस्टिस बीवी नागरत्न और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा संयुक्त रूप से सुनवाई कर रहे थे. इस पर सुनवाई करते हुये पिछले दिनों कोर्ट ने केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांगी थी. इसके बाद केंद्र ने विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाकर्ता की वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट ने सुनवाई कर रहे दोनों जस्टिस से कहा कि अंतरराज्यीय बाल तस्करी मामले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने सहित सजा दिलाने में राज्य पुलिस को परेशानी होती है. इसलिये सीबीआइ की तर्ज पर एक केंद्रीय एजेंसी बनाने की जरूरत है. यह एजेंसी जांच के बाद अपराधियों को सजा दिलाने संबंधी साक्ष्य जुटाकर कोर्ट की मदद कर सकेगी.

केंद्र सरकार ने दी थी सलाह

इस मामले में एडिशनल सोलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि केंद्र सरकार ने लापता बच्चों को लेकर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी थी. इसमें कहा गया था कि लापता बच्चों के संबंध में उनके माता-पिता या संबंधियों द्वारा शिकायत दर्ज होने और चार महीने तक बरामद नहीं होने पर खोया-पाया पोर्टल के अलावा इसकी जानकारी एंटी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग यूनिट को भी दें. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एंटी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग यूनिट को हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के प्रत्येक जिले में मजबूत करने के लिए 100 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी है. इसका मकसद बच्चों का अपहरण रोकना है.

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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