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संवाददाता, पटना
शहर के गांधी मैदान में बिहार दिवस के अवसर पर तैयार किये गये शिक्षा विभाग के पवेलियन में सोमवार को सबसे अधिक बच्चों की भीड़ खेल और कला दीर्घा में देखने को मिली. खेल दीर्घा में तीरंदाजी और हुला-हुप और बास्केट बॉल खेल की ओर बच्चे काफी आकर्षित हुए और जमकर अपनी कला को प्रदर्शित किया. इसके साथ ही कला दीर्घा में भी बच्चों ने टेराकोटा की बारीकियों को समझते हुए खुद से चाक पर मिट्टी के जरिये पॉट, मूर्ति और स्कल्पचर तैयार करने का प्रशिक्षण लिया. मौके पर मौजूद प्रशिक्षक मोनिका कुमारी ने बताया कि सुबह 9:30 बजे से शाम छह बजे तक बक्सर प्लस टू हाइस्कूल की छह आर्ट टीचर यहां आने वाले बच्चों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. वहीं मेले में आइसर पुणे की ओर से स्टेम किट स्टॉल पर खेल-खेल में बच्चे कैसे पढ़ाई कर सकते हैं, इसके बारे में जानकारी दी जा रही है. आइसर पुणे की ओर से राज्य के 30 हजार से अधिक शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है.अप्पन बिहार निपुण बिहार के स्टॉल पर टीएलएम और एफएलएन किट का दिख रहा महत्व
शिक्षा विभाग पवेलियन में अप्पन बिहार निपुण बिहार के स्टॉल पर मिशन निपुण बिहार की उपलब्धियों को प्रभावी तरीके से प्रदर्शित किया गया है. इसमें एफएलएन किट और टीएलएम के महत्व से बच्चों के साथ ही अभिभावकों को भी अवगत कराया जा रहा है. इस स्टॉल पर बच्चों के लिए छोटा सा सेक्शन बनाया गया है, जहां पर वे लाइव एफएलएन और टीएलएम का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं. स्टॉल पर मौजूद प्रोजेक्ट मैनेजर तारेंद्र किशोर ने बताया कि नयी शिक्षा नीति के अनुसार बिहार समेत पूरे देश में प्राथमिक शिक्षा की गंभीर स्थिति बनी हुई है. पूरे देश में प्राथमिक कक्षाओं के स्तर पर करीब 5 करोड़ बच्चे ऐसे हैं, जो कक्षा के अनुसार दक्षता से दूर है. इस गंभीर स्थिति को दूर करने के लिए बिहार में निपुण बिहार मिशन की शुरुआत की गयी है, जिसके अंतर्गत प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों में कक्षा सापेक्ष दक्षता हासिल करना सुनिश्चित करना लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि पिछले करीब दो सालों से राज्य के प्राथमिक शिक्षकों को इसके तहत बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है