Bihar: बिहार के ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को अब कानून के दायरे में हथियार रखने की छूट मिलने जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के बाद पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े निर्वाचित जनप्रतिनिधियों जैसे मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला पार्षद को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है.
आवेदन पर तय समयसीमा में मिलेगा गन लाइसेंस
इस फैसले का लाभ करीब 2.5 लाख जनप्रतिनिधियों को मिलेगा, जो अकसर विवाद, दुश्मनी या सुरक्षा चुनौतियों के बीच अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं. अब वे अपनी सुरक्षा के लिए अधिकृत तरीके से हथियार रख सकेंगे, बशर्ते वे तय प्रक्रिया के तहत आवेदन करें.
DM और SP को मिला स्पष्ट निर्देश
पंचायती राज विभाग की सिफारिश के बाद गृह विभाग ने सभी जिलों के DM और SP को निर्देश दिया है कि ऐसे आवेदनों को निर्धारित समयसीमा में निष्पादित किया जाए. साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी प्रक्रियाएं आयुध अधिनियम 2016 के तहत ही पूरी की जाएंगी.
CM की घोषणा के बाद पंचायती राज सचिव ने लिखा पत्र
इससे जुड़ा पहला पत्र 18 जून 2025 को पंचायती राज सचिव मनोज कुमार ने गृह विभाग को लिखा था, जिसमें मुख्यमंत्री की 12 जून की घोषणा का हवाला दिया गया. इसके बाद गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद चौधरी ने संबंधित सभी जिलों को औपचारिक पत्र भेज दिया है.
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गौरतलब है कि पंचायत प्रतिनिधियों को आए दिन सामाजिक तनाव, चुनावी रंजिश, भूमि विवाद जैसे मामलों में सुरक्षा संबंधी खतरे रहते हैं. सरकार के इस कदम को गांवों में लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है.