खेल संवाददाता, पटना बिहार के खेल के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है. बिहार में पहली बार राजगीर में ”एशिया रग्बी (अंडर-20) चैंपियनशिप-2025” का आयोजन 9 और 10 अगस्त को होगा. मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को 1, अणे मार्ग स्थित ”संकल्प” में चैंपियनशिप के ”शुभंकर” और ”लोगो” का अनावरण किया. इस प्रतियोगिता में आठ पुरुष और आठ महिला टीमें हिस्सा लेंगी, जिनमें भारत, हांगकांग, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, श्रीलंका, मलेशिया (केवल पुरुष) और नेपाल (केवल महिला) जैसे शीर्ष एशियाई देश शामिल हैं. सात अगस्त से टीमों के आने का सिलसिला जारी हो जायेगा. आठ अगस्त को राजगीर खेल परिसर के कबड्डी हॉल में भव्य उद्घाटन समारोह होगा. सभी टीमें राजगीर में ही ठहरेंगी, जिससे स्थानीय संस्कृति और रग्बी का अनूठा संगम देखने को मिलेगा. एशिया के 32 रग्बी खेलने वाले देशों में से केवल शीर्ष आठ रैंकिंग वाली टीमें ही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भाग लेती हैं. बिहार के खिलाड़ी रग्बी में बेहतर प्रदर्शन कर रहे : नीतीश कुमार ”एशिया रग्बी (अंडर-20) चैंपियनशिप-2025” के प्रतीक और शुभंकर का अनावरण करने के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि बिहार पहली बार ”एशिया रग्बी (अंडर-20) चैंपियनशिप-2025” का आयोजन कर रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार के खिलाड़ी रग्बी में निरंतर बेहतर प्रदर्शन करते हुए बहुत तेजी से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं. रग्बी खेल बिहार में काफी लोकप्रिय है. इस खेल के आयोजन से युवाओं में अच्छा संदेश जायेगा. यह टूर्नामेंट न केवल बिहार की खेल संस्कृति को वैश्विक पटल पर ले जायेगा, बल्कि एशिया के रग्बी जगत में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ बी राजेंदर, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, खेल विभाग के निदेशक महेंद्र कुमार, रग्बी इंडिया के अध्यक्ष राहुल बोस सहित खेल विभाग के अधिकारी मौजूद रहे. सम्राट अशोक से प्रेरित है शुभंकर चैंपियनशिप का शुभंकर ”अशोक” का नाम सम्राट अशोक से प्रेरित है जो नेतृत्व, दूरदृष्टि और परिवर्तन का प्रतीक है. यह नाम केवल गौरवशाली इतिहास का स्मरण नहीं दिलाता बल्कि खेल की उन मूल भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है जो अनुशासन, साहस और संकल्प से जुड़ी हैं. अशोक को एक खरगोश के रूप में तेज, सतर्क और फुर्तीला रूपांकित किया गया है. रग्बी जैसे तेज गति के खेल में यही गुण सबसे अहम होते हैं. खिलाड़ियों की चुस्ती और गति, खेल की रफ्तार और रणनीति की सटीकता का प्रतीक है. अशोक का कवच, शिरस्त्राण और ढाल उसकी तैयारी, आत्मबल और मानसिक दृढ़ता का प्रतीक हैं. हाथ में पकड़ा रग्बी बॉल यह बताता है कि अब उसका युद्ध का मैदान खेल है जहां हर कदम पर साहस, दृढ़ता और रणनीति की जरूरत है. वहीं, ”लोगो” BIHAR राज्य की ऐतिहासिक विरासत, सांस्कृतिक विविधता और खेल संस्कृति का जीवंत प्रतीक है. इस ”लोगो” में प्रयुक्त रंग नीला, हरा और मिट्टी का रंग, बिहार की प्रकृति, संस्कृति और जीवन ऊर्जा को व्यक्त करता है. आधुनिक रेखांकन शैली इसे समकालीन बनाते हैं, जबकि प्रतीकात्मकता इसे गहराई देती है. यह डिजाइन सिर्फ एक पहचान नहीं, बल्कि बिहार की आत्मा का रचनात्मक चित्रण है साथ ही परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम है.
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