संवाददाता, पटना बिहार विधानसभा चुनाव में वापसी की तैयारी कर रही कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए अहम कदम उठाना शुरू कर दिया है. महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की तैयारी जोरों पर है. वहीं ,पार्टी ने इस बार सीटों की अपनी दावेदारी को लेकर भी खास मंथन शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में कांग्रेस विधायक दल की बैठक 15 जून को पटना के एक स्थानीय होटल में बुलायी गयी है, जिसमें पार्टी के सभी विधायक और प्रदेश प्रभारी शामिल होंगे. कांग्रेस ने 2020 के विधानसभा चुनाव में कुल 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से केवल 19 ही जीत सके थे. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें, तो इस बार कांग्रेस अपनी पुरानी 70 सीटों पर फिर से प्रत्याशी उतारने के साथ-साथ उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दे रही है जहां पार्टी की पकड़ मजबूत है. पार्टी इस बार उन सीटों पर ज्यादा जोर देगी, जहां कांग्रेस के सामाजिक संगठन और कार्यकर्ताओं की पैठ ज्यादा है. पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की जिलास्तरीय बैठकों के दौरान सामने आयी रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस उन इलाकों पर विशेष नजर बनाये हुए है जहां पार्टी की आधारशिला मजबूत है. पार्टी की योजना है कि कम से कम पांच विधानसभा सीटें जिला कांग्रेस अध्यक्षों को सीधे दी जाये , ताकि संगठन को भी मजबूत किया जा सके. इसके अलावा, 15 से अधिक सीटें अतिपिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को देने पर भी गंभीरता से विचार किया जायेगा. महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए भी खास संख्या में टिकट आवंटित किये जाने की संभावना की तलाश की जायेगी. बैठक में विधायकों के पिछले पांच वर्षों के कार्यों का भी आकलन किया जायेगा.
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