एनओयू का 17वां दीक्षांत समारोह हुआ सम्पन्न, गोल्ड मेडल पाकर खिले चेहरे
53 विद्यार्थियों को दिया गया गोल्ड मेडल
संवाददाता, पटना
नालंदा खुला विश्वविद्यालय का 17वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को गांधी मैदान स्थित बापू सभागार में आयोजित किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खां ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह समझने की आवश्यकता है कि हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है. उन्होंने कहा कि जीवन का उद्देश्य सुख की नहीं ज्ञान की प्राप्ति है. उन्होंने कहा कि विद्या अर्जन करने के बाद कॉलेज या यूनिवर्सिटी छोड़ने के बाद विद्यार्थी का दूसरा जन्म होता है, जो ज्ञान को अभिव्यक्त करने की शक्ति प्रदान करता है. जब तक अपने कर्मों को सही शब्द नहीं देंगे आपके कर्म चरितार्थ नहीं होंगे. इसके साथ ही उन्होंने महिला नेतृत्व वाले विकास पर जोर देते हुए कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बगैर कोई भी देश आगे बढ़ ही नहीं सकता है. उन्होंने कहा कि आज का दिन विद्यार्थियों के साथ ही उनके माता-पिता और शिक्षकों के लिए भी खुशी का दिन है. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां ने कहा माता-पिता और शिक्षक ही दुनिया में ऐसे शख्स हैं, जो चाहते हैं कि उनके बच्चे उन्हें पीछे छोड़कर उनसे भी आगे बढ़कर अपनी अलग पहचान बनाएं. विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की धरती में शक्ति की कोई कमी नहीं है. जरूरत है कि बिहार के लोग बिहार में बिहारी बन जाएं तो पूरे देश का नेतृत्व करने से कोई इन्हें पीछे नहीं कर सकता है. कार्यक्रम में कुलपति प्रो डॉ रवींद्र कुमार ने चार हजार से अधिक विद्यार्थियों को डिग्री प्राप्त करने की बधाई देते हुए कहा कि 53 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिया जा रहा है. इसमें 42 छात्राएं और 11 छात्र शामिल हैं.नयी तकनीक का इस्तेमाल कर डिजिटलाइजेशन पर है जोर
कुलपति प्रो डॉ रवींद्र कुमार ने कहा कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय आंतरिक संसाधनों से लगातार प्रगति की राह पर अग्रसर है. विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थियों को घर बैठे पढ़ने की सुविधा देने के लिए नयी तकनीक का इस्तेमाल कर डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जायेगा. इसके लिए 50 कंप्यूटर की क्षमता वाले पांच कंप्यूटर लैब, पांच स्मार्ट क्लास और स्टूडियो पीएम उषा फंड से बनाने की योजना है. उन्होंने कहा कि भविष्य में यह प्रयास होगा कि नालंदा में बने भव्य भवन में चार हजा की क्षमता वाले सभागार में अगला दीक्षांत समारोह आयोजित की जाये. मौके पर पूर्व कुलपति प्रो डॉ नागेश्वर राव के साथ ही विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी व शिक्षक मौजूद रहे.गोल्ड मेडल पाकर विद्यार्थियों के खिले चेहरे
इतने बड़े मंच पर राज्यपाल के हाथों गोल्ड मेडल पाकर काफी खुशी हो रही है. मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देना चाहती हूं. मैं आगे की पीएचडी कर शिक्षिका के रूप में कार्य करना चाहती हूं.–
पूजा सागर, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशनमैं अपनी इस सफलता का श्रेय अपने अभिभावकों को देना चाहती हूं. गोल्ड मेडल पाकर आगे और भी बेहतर करने का बल मिला है. मैं यूपीएससी की परीक्षा क्रैक कर प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कार्य करना चाहती हूं.
– वंशिका, सोशियोलॉजी
मेहनत का ही फल है कि आज मुझे गोल्ड मेडल मिल रहा है. बिना परिवार के सपोर्ट के यह संभव नहीं था. मैं आगे पीएचडी करके असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में करियर बनाना चाहती हूं.– काजल कुमारी, जियोग्राफी
मैं फिलहाल जमुई में उच्च विद्यालय में शिक्षक रूप में कार्यरत हूं. राज्यपाल के हाथों गोल्ड मेडल पाकर काफी खुशी हुई है. आगे मैं ज्ञान से बच्चों को लाभान्वित करना चाहता हूं.– पंकज कुमार मिश्रा, संस्कृत
मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और पति को देना चाहती हूं. बिना पति के सपोर्ट के मेरे लिए यह संभव नहीं था. फिलहाल मैंने नेट क्वालीफाइ किया है. आगे मैं पीएचडी कर असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य करना चाहती हूं.– इंशा परवीन, उर्दू
गोल्ड मेडल पाकर मेरी जिम्मेदारी और भी बढ़ गयी है. फिलहाल मैं बीपीएससी की तैयारी कर रही हूं. मेरी दिली ख्वाहिश है कि प्रशासनिक पदाधिकारी के रूप में कार्य करते हुए समाज की बेहतरी की कोशिश करूं.– तृप्ति रत्न, हिंदी
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