संवाददाता, पटना
बिहार पुलिस में अब सीबीआइ और दिल्ली पुलिस की तर्ज पर समन्वय के लिए कोर्ट प्रभारी की व्यवस्था लागू की जा रही है. सेशन कोर्ट, स्पेशल कोर्ट, मजिस्ट्रेटियल कोर्ट और सबडिवीजन कोर्ट में इनकी नियुक्ति की जायेगी. कोर्ट प्रभारी या कोर्ट ऑफिसर के रूप में इंस्पेक्टर और दारोगा स्तर के पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया जायेगा. यह प्रयोग पटना जिला में किया गया था, जो सफल रहा . अब इसे राज्य के सभी न्यायालयों व थानों में लागू किया जायेगा .
गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में एडीजी (सीआइडी) पारसनाथ एवं आइजी दलजीत सिंह ने बताया कि इसके अलावा कोर्ट नायब की व्यवस्था भी लायी गयी है. प्रत्येक कोर्ट में कम से कम एक कोर्ट नायब प्रतिनियुक्त किया जायेगा. इसका पदनाम कोर्ट नायब न्यायालय होगा. यह सिपाही या उससे उच्च रैंक का पदाधिकारी होगा. कोर्ट नायब का मुख्य काम रोजाना कोर्ट से समन, वारंट, कुर्की आदेश आदि प्राप्त करना और संबंधित थाना पर भेजना होगा. पुलिस थाना में भी कोर्ट नायब थाना पुलिस पदनाम से यह व्यवस्था की गयी है. यह पदाधिकारी प्रतिदिन कोर्ट नायब न्यायालय से संपर्क कर अपने थाना से जुड़े आदेशों को प्राप्त करेगा और क्रियान्वयन के लिए थाना में देगा. कहा कि कोर्ट के लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए पुलिस महकमा के स्तर पर यह पहल की जा रही है. राज्य में अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस मुख्यालय ने स्पीडी ट्रायल पर खास जोर दिया है. स्पीडी ट्रायल के जरिए अपराधियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी.
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