दुर्गेश कुमार
Share Market शेयर बाजार कभी एक दिशा में नहीं चलती है. बाजार में उतार-चढ़ाव लगा रहता है. खुदरा निवेशकों के लिए यह अनुमान लगा पाना मुश्किल हो जाता है कि वे किस तरह से इक्विटी बाजार में निवेश करें, ताकि अच्छा फायदा मिल सके.
अगर आपको भी शेयर बाजार के उठा-पटक से डर लगता है तो म्यूचअल फंड का बैलेंस्ड एडवांटेज फंड आपके के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है. बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में शेयरों व डेट (फिक्सड इनकम) दोनों में पैसा लगाया जाता है जो शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाती है व अच्छा रिटर्न भी देता है.
ग्लोबल अनिश्चितता के कारण इस समय दुनिया भर के शेयर बाजारों में उठा-पटक का दौर चल रहा है. भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं है. शेयर बाजार में लगातार पांच महीनों की गिरावट के कारण निवेशकों में डर का माहौल है. बाजार के उतार-चढ़ाव से डर लगने वाले व कम रिस्क में बेतहर रिटर्न चाहने वालों के लिए म्यूचुअल फंड की बैलेंस्ड एडवांटेज फंड एक अच्छी स्कीम है जो शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव से सुरक्षा देने के साथ अच्छा रिटर्न भी देती है.
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड कम रिस्क लेने वाले निवेशकों के लिए आदर्श विकल्प हैं, जो ग्रोथ और पूंजी की सुरक्षा के बीच बैलेंस प्रदान करता है. इस फंड में जब बाजार का वैल्यूएशन ज्यादा हो जाता है, तो यह स्कीम इक्विटी में निवेश कम कर दिया जाता है व जब बाजार में गिरावट आती है तो यह स्कीम इक्विटी में निवेश बढ़ा देती है. इसी कारण बैलेंस्ड एडवांटेज फंड को ऑल सीजन फंड भी कहा जाता है.
क्या होता है बैलेंस्ड एडवांटेज फंड
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश को डायनेमिक एसेट एलॉकेशन म्यूचुअल फंड भी कहा जाता है। जैसा की नाम से ही साफ है कि इस कैटेगरी में आपके फंड का एलॉकेशन डायनेमिक तरीके से किया जाता है. ये म्यूचुअल फंड स्टॉक और डेट/बॉन्ड दोनों में निवेश करते हैं. डेट और स्टॉक के बीच फंड का एलोकेशन मार्केट के कंडीशन के हिसाब से बदलता रहता है. इसमें आपके फंड को एक जगह ना रख कर मार्केट की चाल के अनुसार अलग-अलग स्टॉक्स या फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स में इन्वेस्ट किया जाता है.
बैलेंस्ड फंड क्यों है आकर्षक विकल्प
हाइब्रिड म्युचुअल फंड श्रेणी में शामिल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं . विशेषज्ञ जोखिम न लेने वाले निवेशकों को बैलेंस्ड एडवांटेज फंड की सलाह देते हैं, खास तौर से बाजार में तेज उतार-चढ़ाव के दौर में. बाजार में उतार-चढ़ाव में भी एकमुश्त निवेश के लिहाज से भी ये फंड अच्छे हैं. यह फंड मार्केट कंडीशंस के आधार पर इक्विटी और डेट में अपना अलोकेशन बदलता रहता है, जिससे निवेशक को दोनों का लाभ मिलता है. थोड़ा रिस्क के बावजूद, यह फंड दीर्घकालिक निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
क्या है बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश का फायदा
1. डायनेमिक इन्वेस्टिंग स्ट्रैटेजी: इसमें आपके फंड मैनेजर के पास आसान और डायनेमिक स्ट्रैटजी होती है. यानी जब मार्केट ऊपर होता है, तो आपके फंड को बेचकर प्रॉफिट बुक कर लेता है और जब मार्केट में गिरावट होती है, तो इन्वेस्ट कर देता है. ये बाजार की चाल के आधार पर अलग-अलग एसेट में बजट का एलॉकेशन बदलते रहते हैं. ये पहले से तय किसी भी रेश्यो पर निर्भर नहीं रहते हैं.
2. कम जोखिम : ये फंड इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करते हैं, इसलिए इक्विटी बाजार गिरने पर बैलेंस्ड एलोकेश सुरक्षा प्रदान करता है.
3. टैक्स-एफिशिएंट : बैलेंस्ड एडवांटेज फंड आम तौर पर इक्विटी एक्सपोजर को 65 फीसदी पर रखते हैं, जो इन फंडों को इक्विटी टैक्सेशन के अनुसार टैक्स लगता है.
4. डायवर्सिफिकेशन : इन फंडों के पास अलग अलग थीम और सेक्टर के आधार पर लार्ज कैप, मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के स्टॉक में निवेश करने की छूट होती है.
5. फ्लेक्सिबिलिटी : आप एसआइपी शुरू कर सकते हैं या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में एकमुश्त निवेश कर सकते हैं. अलग अलग फंड हाउस में न्यूनतम निवेश राशि अलग अलग हो सकती है.
6. विद्ड्रॉल :आप बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में एकमुश्त निवेश कर सकते हैं और सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (SWP) शुरू कर सकते हैं.
7. बेहतर रिटर्न : एसेट क्लास के रूप में इक्विटी में लंबी अवधि में महंगाई को मात देने की क्षमता होती है और लंबी अवधि के लिए बनाया गया निवेश का लक्ष्य आपको बेहतर रिटर्न देने में मदद करता है.
8. गलत निर्णय से सुरक्षा : बाजार में गिरावट कई निवेशकों के लिए परेशान करने वाली हो सकती है, जिससे वे अपना निवेश वापस निकालने के लिए या नए निवेश करने के लिए दुविधा में रहते हैं. बैलेंस्ड एडवांटेज फंड का ऑटोमैटिक एसेट एलोकेशन मॉडल आपको इस कंफ्यूजन को दूर करने और लॉन्ग टर्म कंपाउंडिंग का फायदा पाने में मदद करता है.
पहली बार निवेश करने वालों के लिए सबसे अच्छा
आमतौर पर, इन फंडों में इक्विटी इंडेक्स की तुलना में कम अस्थिरता होती है और लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का फायदा लेने का अवसर होता है. इसलिए यह एक ऑल-सीजन फंड है, जो कई निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है, जिनका निवेश का लक्ष्य लंबी अवधि के लिए होता है. कम जोखिम वाले ऐसे निवेशकों के लिए बैलेंस्ड एडवांटेज फंड निवेश पोर्टफोलियो के लिए बेहतर विकल्प है, जिनके निवेश का लक्ष्य लंबी अवधि का है. है. बैलेंस्ड एडवांटेज फंड स्कीम उन निवेशकों के लिए अच्छी होती हैं, जो पहली बार निवेश करना चाहते हैं. साथ ही जो लोग एकमुश्त पैसा लगाना चाहते हैं, उनके लिए भी यह अच्छी योजना है. निवेश करते समय यह जरूर देखें कि लंबी अवधि में किस फंड हाउस ने अच्छा रिटर्न दिया है.
क्या होती है म्यूचअल फंड की कैटेगरी
मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी मार्केट वैल्यू के हिसाब के देश की सभी कंपनियों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. इनमें जिन कंपनियों का मार्केट कैप 20 हजार करोड़ रुपये या इससे ज्यादा होता है, उन्हें लार्ज कैप जिनकी वैल्यू 20 हजार करोड़ रुपए से कम लेकिन 5 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा होती है, उन्हें मिड कैप कंपनी कहा जाता है. जबकि स्मॉल कैप कंपनियां वैसी कंपनियां है जिनकी वैल्यूएशन 5 हजार करोड़ से कम होती है. मार्केट कैप के लिहाज से टॉप 100 कंपनियां लार्ज कैप, 100-250 तक मिड कैप और इसके बाद की सभी कंपनियां स्मॉल कैप कंपनियां होती हैं.
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड व रिटर्न
फंड रिटर्न | (03 साल) रिटर्न पांच साल |
एचडीएफसी बैलेंस्ड एडवांटेज | 19.9 19.6 (प्रतिशत) |
आइसीआइसीइ बैलेंस्ड फंड | 11.6 12.5 (प्रतिशत) |
टाटा बैलेंस्ड एडवांटेज | 10.1 12.2 (प्रतिशत) |
एसबीआइ बैलेंस्ड एडवांटेज | 12.5 000 |
एक्सिस बैलेंस्ड एडवांटेज | 12 11.3 ( प्रतिशत) |
निपॉन बैलेंस्ड एडवांटेज | 11.3 11.2 ( प्रतिशत) |
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