पटना सिटी. तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में शनिवार को सिंह साहिबानों पंज प्यारों की बैठक में अकाली दल प्रमुख सह पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल को तनखैया घोषित करने के हुकूमनामा के बाद अकाल तख्त में भी शनिवार की देर शाम पंज प्यारों ने हुकूमनामा जारी किया था. अकाल तख्त के हुकूमनामा के उपरांत पटना साहिब के पंज प्यारों की आपात बैठक जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई. इसमें प्रबंधक कमेटी के पदधारकों और सदस्यों को स्पष्ट आदेश दिया गया कि प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारी और सदस्यों को सख्त निर्देश दिया गया कि कोई भी अकाल तख्त साहिब नहीं जायें और नहीं हाजिरी लगायें. श्री अकाल तख्त में उपस्थित होता है तो वो तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब द्वारा स्थायी तनखैया माना जायेगा और पंथक परंपरा के अनुसार कार्रवाई की जायेगी. पंज प्यारों ने जारी हुकूमनामा में यह भी कहा है कि भाई कुलदीप सिंह गरगज और भाई टेक सिंह पहले ही पटना साहिब से तनखैया हैं. ऐसे में तख्त साहिब के पदाधिकारी और सदस्यों के साथ अतिरिक्त हेड ग्रंथी भाई गुरदयाल सिंह के बारे में फैसला लेने का धार्मिक व संवैधानिक अधिकार नहीं है. ऐसे में यह हुकूमनामा खारिज किया जाता है. दरअसल अकाल तख्त की ओर से जारी हुकूमनामा में अतिरिक्त हेड ग्रंथी भाई गुरदयाल सिंह, सदस्य डॉ गुरमीत सिंह और हरपाल सिंह जाैहल को तनखैया घोषित किया गया. वहीं प्रबंधक कमेटी के पदधारक और सदस्यों को 15 दिनों के अंदर अकात तख्त में पेश होने का आदेश दिया गया था. अकाल तख्त की ओर से जारी हुकूमनामा के बाद आपात बैठक सिंह साहिबानों की हुई. बैठक में जत्थेदार के अलावा अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी दिलीप सिंह व अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी भाई गुरदयाल सिंह, सीनियर मीत ग्रंथी ज्ञानी परशुराम सिंह और मीत ग्रंथी भाई अमरजीत सिंह शामिल थे. सिंह साहिबानों ने जारी हुकूमनामा में यह भी कहा है कि सरदार सुखबीर सिंह बादल को तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब द्वारा तनखैया के बाद भाई कुलदीप सिंह गरगज ने असंवैधानिक आदेश जारी कर बादल को बचाते हुए हुकूमनामा जारी किया है. जो पंथक मर्यादा अनुकूल नहीं है. सदस्य डॉ गुरमीत सिंह ने कहा कि छठे गुरु हरगोबिंद साहिब जी का आदेश है कि पूरब की संगत ही गुरु का खालसा है, नवम गुरु तेग बहादुर जी महाराज ने भी पटना की संगत को श्री गुरु जी का खालसा कहा है. ऐसे में यहां के सिंह साहिबवानों का आदेश भी सर्वोच्च है.
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