Doctors Strike: बिहार के सरकारी अस्पतालों में आज से तीन दिनों के लिए OPD सेवाएं ठप रहेंगी. बायोमेट्रिक उपस्थिति, प्रशासनिक उत्पीड़न और कर्मचारियों की कमी को लेकर बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ (BHSA) ने कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. हालांकि, बड़े अस्पतालों पर इसका खास असर नहीं दिख रहा है, लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
PHC में सबसे ज्यादा असर, मरीज बेहाल
BHSA के अध्यक्ष डॉ. महेश सिंह ने कहा कि PHC में इसका सबसे ज्यादा असर होगा, क्योंकि यहां हमारा संगठन अधिक सक्रिय है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मांगे नहीं मानी तो आंदोलन और उग्र होगा. बिहार में करीब 184 PHC हैं, जहां हर दिन 400-500 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं.
फुलवारी शरीफ में OPD दो घंटे तक रहा ठप
फुलवारी शरीफ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब दो घंटे तक OPD सेवा बाधित रही. दर्द से कराह रही महिला मरीज गुड़िया को इलाज के बिना लौटना पड़ा. महिला डॉक्टर अपूर्वा ने बताया कि कई जिलों में डॉक्टरों के वेतन पर बायोमेट्रिक अटेंडेंस की वजह से रोक लगाई गई है, जिससे डॉक्टरों में नाराजगी है.
डॉक्टरों की नाराजगी और लंबित मांगें
BHSA के प्रवक्ता डॉ. विनय कुमार ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा, आवास, गृह जिला में पोस्टिंग, कार्य अवधि निर्धारण जैसी कई मांगें लंबित हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने बार-बार पत्राचार के बावजूद समाधान नहीं निकाला, जिससे डॉक्टरों में रोष है.
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शिवहर में डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार, अनिश्चितकालीन हड़ताल
शिवहर जिले में एक जिलाधिकारी की बैठक में डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है, जिससे वहां के डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन OPD बहिष्कार कर दिया है. अगर 29 मार्च तक कोई समाधान नहीं निकला तो आंदोलन और तेज किया जाएगा. सरकार और डॉक्टरों के बीच इस टकराव से मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.