22.4 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार में घरेलू हिंसा पर अब लगेगा लगाम, पीड़ित महिलाओं के लिए होंगे 140 प्रोटेक्शन अधिकारी

Domestic Violence: घरेलू हिंसा और अन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए बिहार सरकार 11 नए 'वन स्टॉप सेंटर' (ओएससी) खोलने जा रही है.

Domestic Violence: पटना. बिहार सरकार ने घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरे राज्य में 140 पूर्णकालिक संरक्षण पदाधिकारी (पीओ) नियुक्त करने का फैसला किया है. इस योजना के तहत समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुमंडल, जिला और राज्य स्तर पर अधिकारियों की तैनाती की जाएगी, ताकि महिलाओं को त्वरित और प्रभावी न्याय मिल सके. घरेलू हिंसा और अन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए बिहार सरकार 11 नए ‘वन स्टॉप सेंटर’ (ओएससी) खोलने जा रही है.

हिंसा के बढ़ते मामलों को देखते हुए उठाया कदम

ये केंद्र मुजफ्फरपुर, गया, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, रोहतास, मधुबनी, कैमूर, औरंगाबाद और जमुई में स्थापित किए जाएंगे. वर्तमान में बिहार के 38 जिलों में 39 ओएससी संचालित हैं, जिनमें पटना में दो केंद्र शामिल हैं. नए केंद्र खुलने के बाद यह संख्या 50 तक पहुंच जाएगी. महिला सुरक्षा के लिए नई पहल समाज कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव और बिहार महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह एमडी हरजोत कौर बमराह ने बताया कि घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है.

सबसे ज्यादा दर्ज मामले घरेलू हिंसा के

बिहार सरकार के एक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार, 2022-23 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 8,002 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 6,952 मामलों का निपटारा किया गया. इनमें सबसे ज्यादा 5,615 मामले घरेलू हिंसा से जुड़े थे, जबकि 708 दहेज उत्पीड़न, 147 बलात्कार और तस्करी, 71 दूसरी शादी, 48 बाल विवाह, 42 साइबर अपराध और 23 कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से जुड़े थे। राज्य सरकार पहले ही दहेज निषेध अधिनियम और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 जैसे कड़े कानून लागू कर चुकी है.

38 जिलों में 1-1 संरक्षण पदाधिकारी

एमडी हरजोत कौर ने बताया कि अनुमंडल स्तर पर 101, जिला स्तर पर 38 और राज्य स्तर पर 1 संरक्षण पदाधिकारी की नियुक्ति की जाएगी. घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत यह निर्णय लिया गया है, ताकि हिंसा से पीड़ित महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों के अनुरूप सुरक्षा और राहत दी जा सके. नई पहल के तहत महिलाओं को घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और यौन शोषण जैसी समस्याओं से बचाने के लिए उन्हें संरचनात्मक और कानूनी सहायता दी जाएगी. इसके अलावा ओएससी केंद्र महिलाओं को मनोवैज्ञानिक, कानूनी और चिकित्सा सहायता भी प्रदान करेंगे.

Also Read: देश को भाया नीतीश कुमार का बिहार मॉडल, स्कूली शिक्षा व्यवस्था में आया बुनियादी बदलाव

Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel