-स्थापना काल के बाद पहली बार स्थायी कुलसचिव, पांच साल का होगा कार्यकाल
-वित्त पदाधिकारी रामजी सिंह का भी पांच साल के लिए सेवा विस्तार
-तिलका मांझी विवि भागलपुर में मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष हैं डॉ निरंजन
-विवि की ओर से दोनों पदाधिकारियों से संबंधित अधिसूचना की गयी जारी
संवाददाता, पटना:
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आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (एकेयू) के नये कुलसचिव डॉ निरंजन प्रसाद यादव को बनाया गया है. वे वर्तमान में तिलका मांझी विवि भागलपुर में मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं. उन्हें योगदान की तिथि से पांच साल के लिए इस पद पर बने रहने की अधिसूचना आर्यभट्ट ज्ञान विवि की ओर से जारी की गयी है. अबतक आर्यभट्ट ज्ञान विवि में कुलसचिव पद का प्रभार विवि के वित्त पदाधिकारी रामजी सिंह संभाल रहे थे. एकेयू की स्थापना के समय नियुक्त कुलसचिव के बाद पहली बार स्थायी तौर पर इस पद पर नियुक्ति की गयी है. 2015 से ही यहां स्थायी कुलसचिव नहीं थे. शनिवार को विवि की एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में डॉ निरंजन प्रसाद यादव को कुलसचिव के पद पर नियुक्ति पर मुहर लगी. विवि के वित्त पदाधिकारी रामजी सिंह का भी सेवा विस्तार पांच वर्ष के लिए किया गया है. गौरतलब है कि विवि की ओर से कुलसचिव पद पर नियुक्ति के लिए पिछले वर्ष ही विज्ञापन निकाला गया था. विज्ञापन निकाले जाने के एक साल बाद अब स्थायी तौर पर कुलसचिव नियुक्ति की अधिसूचना जारी की गयी है.
बैठक में परीक्षा नियंत्रक ने संभाला कुलसचिव का प्रभार
शनिवार को आयोजित एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में कई पदों के लिए छह वर्षों से लंबित प्रोमोशन सहित कई बिंदुओं पर भी मुहर लगी है. विवि में नये केंद्र की स्थापना, पाठ्यक्रम निर्धारण व अन्य बिंदुओं पर चर्चा हुई. बैठक के दौरान कुलसचिव के प्रभार में रहे परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव रंजन ने प्रस्ताव लाया जिसपर उपस्थित सदस्यों का अनुमोदन प्राप्त किया. दरअसल एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक के दौरान विवि के वित्त पदाधिकारी सह कुलसचिव रामजी सिंह अवकाश पर थे. ऐसे में कुलसचिव का एक दिन का प्रभार परीक्षा नियंत्रक डॉ राजीव रंजन को दिया गया. विवि द्वारा वित्त पदाधिकारी से संबंधित सेवा विस्तार और कुलसचिव नियुक्ति की अधिसूचना में भी अधोहस्ताक्षरी के रूप में कुलसचिव डॉ राजीव रंजन का नाम है. इधर इस पूरे मामले में नया विवाद भी शुरू हो गया है. कुछ महीने पहले ही विवि में डॉ अंजना को पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद उपकुलसचिव के पद पर सेवा बहाल की गयी थी. ऐसे में उपकुलसचिव के उपस्थित रहते परीक्षा नियंत्रक को कुलसचिव का प्रभार देने के मामले को लेकर चर्चा तेज है. एक्जीक्यूटिव काउंसिल में कई कर्मियों का प्रोमोशन का प्रस्ताव न लाये जाने को लेकर भी कुछ लोगों में असंतोष की स्थिति है.
बैठक में इन बिंदुओं पर भी लगी मुहर
-14 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की पहली प्रोन्नति
-संविदा पर कार्यरत कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी
-विभिन्न केंद्रों में संबंधित विषयों के सलाहाकर के पद पर नियुक्ति
-स्कूल ऑफ एस्ट्रोनॉमी के डीपीआर को अनुमोदन
-संबद्धता संबंधी नियम में संशोधन
-विभिन्न शैक्षणिक केंद्रों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की
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