अब चेक से नहीं ऑनलाइन हो रहा भुगतान, बढ़ी पारदर्शिता
संवाददाता, पटना
बिहार में पंचायती राज व्यवस्था को पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. पंचायती राज विभाग ने वित्तीय लेन-देन को पूरी तरह चेक मुक्त करते हुए इ-पंचायत बिहार पोर्टल की शुरुआत की है. अब ग्राम पंचायत से लेकर जिला परिषद तक के भुगतान ऑनलाइन होने लगे हैं.यह पोर्टल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 अक्तूबर, 2023 को लॉन्च किया था. इसके जरिए योजनाओं का पंजीकरण, टेंडर प्रक्रिया, भुगतान, जीएसटी वेरिफिकेशन, वाउचर निर्माण और संपत्ति की जियो-टैगिंग तक की जा रही है.
अब तक 92.88 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त
विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पोर्टल के जरिए अब तक सरकार को 92.88 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है. इसमें रॉयल्टी, सिग्नियोरेज शुल्क, लेबर सेस, जीएसटी और टीडीएस शामिल हैं. ग्राम पंचायत स्तर से 691.75 करोड़, पंचायत समिति से 148.95 करोड़, और जिला परिषद से 86.92 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. इससे साफ है कि अब योजनाओं में लेन-देन पूरी तरह पारदर्शी हो गया है.
इ-पंचायत पोर्टल पूरी तरह सुरक्षित है और ओटीपी आधारित सुरक्षा से लैस है. इससे साइबर अपराधों से बचाव सुनिश्चित होता है. वर्तमान में पांच तरह के उपयोगकर्ता जिनमें डीडीसी, पंचायत राज पदाधिकारी, मुखिया, सचिव और एकाउंटेंट शामिल हैं, जो पोर्टल का उपयोग कर रहे हैं. राज्य सरकार अब पोर्टल के जरिए ऑडिट और उपयोगिता प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को भी एकीकृत कर रही है, जिससे इन कार्यों में तेजी आयेगी. सबसे खास बात यह है कि आम जनता भी इस पोर्टल पर जाकर पंचायतों में चल रही योजनाओं की जानकारी और खर्च का विवरण देख सकती है. इससे जनता की भागीदारी भी सुनिश्चित हो रही है और जवाबदेही बढ़ रही है.
इ -पंचायत बिहार पोर्टल के माध्यम से राज्य की त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं द्वारा क्षेत्र में चल रही योजनाओं का मोबाइल आधारित निरीक्षण एवं जियो-टैगिंग सुनिश्चित की जा रही है. इससे योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होती है, साथ की उनकी माॅनीटरिंग में भी मदद मिलती है.
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