पटना. सरकारी भूमि के दाखिल-खारिज करने में राज्य के पांच जिलों में पूर्वी चंपारण अव्वल है. यहां 62.98 प्रतिशत मामलों का निबटारा हो चुका है. वहीं, दूसरे स्थान पर सुपौल है, जहां 54.39 प्रतिशत मामलों का निबटारा हुआ है. तीसरे स्थान पर रोहतास में 53.04 प्रतिशत, चौथे स्थान पर अरवल में 50 फीसदी मामलों का डिस्पोजल हुआ है. पांचवें स्थान पर मुंगेर (49.45 प्रतिशत) है, जबकि अररिया, बक्सर, लखीसराय, सहरसा और सीतामढ़ी में अबतक डिस्पोजल की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. विभागीय अपर मुख्य सचिव के स्तर से योजनाओं से संबंधित सभी पहलुओं की मासिक तौर पर समुचित समीक्षा की जाती है. इसके आधार पर प्रखंड, अनुमंडल और जिलों की रैंकिंग तैयार होती है. जिनका प्रदर्शन खराब होता है, उनके संबंधित पदाधिकारियों को आगाह किया जाता है.राजस्व संबंधित कार्यों जैसे म्यूटेशन, परिमार्जन प्लस, अभियान बसेरा-2, आधार सीडिंग, एडीएम कोर्ट, डीसीएलआर कोर्ट, इ-मापी और कलेक्टर कोर्ट जैसे पैमानों पर प्रदर्शन के आधार पर बांका जिले ने बाजी मारी है. वहीं, शेखपुरा ने दूसरा स्थान हासिल किया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है