संवाददाता, पटना राज्य के 23 जिलों में 35 स्थानों पर वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग मशीनें लगाई गई हैं. ये मशीनें हवा की गुणवत्ता पर नजर रख रही हैं. केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार पटना, मुजफ्फरपुर और गया सबसे अधिक प्रदूषित जिले हैं. इस समस्या से निपटने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने विशेष एक्शन प्लान तैयार किया है. 99% भट्ठों में जिग-जैग तकनीक लागू पर्यावरण मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि ईंट-भट्ठों में प्रदूषण कम करने के लिए 99% भट्ठों में जिग-जैग तकनीक लागू कर दी गई है. जिन ईंट-भट्ठों में यह प्रणाली नहीं होगी, उन्हें लाइसेंस नहीं मिलेगा. इसके अलावा गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए हर छह महीने में जांच अनिवार्यता पहले से है. इन फैसलों से पिछले तीन वर्षों में सर्दियों के दौरान भी वायु प्रदूषण में कमी आई है. हरित क्षेत्र बढ़ाने की पहल, हर रविवार ‘ईको फ्रेंडली घंटा’ सरकार का लक्ष्य वर्ष 2028 तक हरित आवरण को 15.05% से बढ़ाकर 17% करना है. इसके लिए ‘हर रविवार ईको फ्रेंडली काम, एक घंटा पर्यावरण के नाम’ अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत हर व्यक्ति को सप्ताह में एक घंटे पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करना होगा. इस अभियान को सख्ती से लागू करने के लिए वन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पेड़ लगाएं और सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर पोस्ट करें अन्यथा कार्रवाई होगी. जल संरक्षण के लिए ‘जल-जीवन-हरियाली’ मिशन जल स्रोतों को संरक्षित करने के लिए तालाबों की सफाई, गाद हटाने और आसपास पेड़ लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है. जलस्तर बरकरार रखने के लिए रेनवाटर हार्वेस्टिंग और ट्री हगिंग जैसी मुहिम भी शुरू करने की बात की जा रही है. मंत्री ने कहा कि जल और वनस्पति का सीधा संबंध है इसलिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने से जल संकट को रोका जा सकता है. इको टूरिज्म को बढ़ावा, कलाकारों के लिए खास योजना पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने फिल्म और वेब सीरीज निर्माताओं को बिहार में शूटिंग के लिए प्रोत्साहित करने का फैसला किया है. एक नई शर्त के तहत शूटिंग करने वाले कलाकारों को वीडियो में लोकेशन का नाम दिखाना और बिहार सरकार को श्रेय देना अनिवार्य होगा. दरअसल बिहार के राजगीर और बोधगया में सबसे अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं. ऐसे में सरकार इको टूरिज्म को बढ़ावा देकर बिहार को वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना चाहती है.
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