संवाददाता, पटना माकपा के राज्य सचिव ललन चौधरी ने सोमवार को विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अखबारों में चुनाव आयोग के हवाले से छपा समाचार कि 4.96 करोड़ वोटरों को नहीं देना होगा दस्तावेज और कुछ नहीं चुनाव आयोग द्वारा आम लोगों में भ्रम फैलाने और अपने जनविरोधी चरित्र पर पर्दा डालने का प्रयास है. माकपा राज्य कमेटी चुनाव आयोग के इस जनविरोधी प्रयास का कड़े शब्दों में विरोध करती है. पार्टी मानती है कि चुनाव आयोग का यह प्रयास एनआरसी के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है. पार्टी का यह भी मानना है कि चुनाव आयोग का यह प्रयास बिहार में आम आदमी के मतदान करने के संवैधानिक अधिकार पर कुठाराघात है.जहां तक 4.96 को दस्तावेज नहीं देने का सवाल है, तो यह भी पूर्ण रूप से छलावा है, क्योंकि उन्हें भी 2003 में पुनरीक्षण के बाद प्रकाशित मतदाता सूची में अपने नाम वाले हिस्से को दिखाना होगा. यदि खोजा जाय तो दो प्रतिशत भी ऐसे मतदाता नहीं मिलेंगे, जिनके घर में 2003 की मतदाता सूची मौजूद होगी. खासकर ग्रामीण इलाकों में तो यह बिल्कुल ही शून्य होगा.इससे साबित होता है कि चुनाव आयोग सिर्फ भ्रम पैदा कर रहा है. पार्टी, चुनाव आयोग से मांग करती है कि इसे तत्काल बंद करें.
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