संवाददाता, पटना
भाकपा माले राज्य सचिव कुणाल ने शनिवार को बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया में फैले भ्रम को लेकर गंभीर चिंता जतायी है. उन्होंने कहा कि भोजपुर और गोपालगंज समेत कई जिलों से यह जानकारी मिल रही है कि बीएलओ अब यह कह रहे हैं कि फॉर्म के साथ किसी प्रकार के दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है. कुणाल ने कहा कि इस तरह के परस्पर विरोधी निर्देशों से मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति बन रही है. आयोग को हर बात को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए, ताकि भ्रम की स्थिति नहीं बनी रहे. माले मांग करती है कि मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया को तत्काल रोक दिया जाये. आगामी चुनाव पुरानी मतदाता सूची के आधार पर ही कराया जाये.
गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण वापस ले आयोग: भाकपा
पटना. भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान वापस लेने की मांग भारत निर्वाचन आयोग से की है. आयोग ने मतदाता बनने के लिए जो ग्यारह दस्तावेज अनिवार्य किये हैं, उससे करोड़ों लोग मतदाता बनने से वंचित रह जायेंगे. इस कारण बिहार विधानसभा सभा चुनाव एक जनवरी 2025 की अहर्ता के आधार पर प्रकाशित मतदाता सूची के आधार पर कराया जाये. उन्होंने कहा है कि महागठबंधन ने गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ नौ जुलाई को बिहार बंद का आह्वान भी किया है. पार्टी के कार्यकर्ता बिहार बंद में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे. बिहार बंद की तैयारी पूरे बिहार में जोर शोर से शुरू हो गयी है.
विशेष गहन पुनरीक्षण आदेश असंवैधानिक : आप
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पटना. बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी विशेष गहन पुनरीक्षण आदेश को आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश यादव ने पूरी तरह असंवैधानिक, जनविरोधी और लोकतंत्र विरोधी साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस आदेश के माध्यम से बिहार के करोड़ों गरीब, दलित, पिछड़े और दस्तावेज-वंचित नागरिकों को मताधिकार से वंचित करने की तैयारी की जा रही है, जो लोग 2003 की मतदाता सूची में शामिल नहीं थे, उन्हें अपनी नागरिकता सिद्ध करनी होगी. यह प्रक्रिया सीधे-सीधे प्रशासनिक एनआरसी की शुरुआत है.
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