बिहार में ऊर्जा के क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए सरकार कई बड़े कदम उठा रही है. अब बिहार के ग्रिडों को हाईटेक बनाने की तैयारी शुरू की गयी है. बिहार में 500 मेगावाट प्रति घंटा क्षमता की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली परियोजना की शुरुआत होगी. जिससे अब निर्बाध बिजली मिलेगी. दिन-रात कभी भी बिजली नहीं कटे, इस दिशा में सरकार ने काम शुरू कर दिया है. पहले 6 ग्रिड के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की गयी है.
बिहार के 15 ग्रिड सबस्टेशनों पर लगेंगी बैटरियां, 6 ग्रिड के लिए टेंडर किया गया
इस परियोजना के तहत बिहार के 15 ग्रिड सबस्टेशनों पर 5 से 20 मेगावाट बैटरियां स्थापित की जाएंगी. जिससे बिजली आपूर्ती की गुणवत्ता में सुधार होगा और पीक डिमांड के समय लोग बैलेंस में मदद भी मिलेगी. अभी 6 ग्रिड के लिए टेंडर किया गया है. शेष ग्रिडों के लिए भी काम जारी है.
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इप ग्रिड सबस्टेशनों का हुआ चयन…
बिहार के जिन ग्रिड सबस्टेशनों को इसके लिए चुना गया है उनमें माोतिहारी, मुजफ्फरपुर, बेतिया, सीतामढ़ी, फतुहा, जहानाबाद, सीतामढ़ी, शिवहर, किशनगंज, बांका और सिवान शामिल हैं. बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड इन स्थानों पर चरणबद्ध तरीके से काम शुरू करेगी.
क्या होगा लाभ…
इस प्रोजेक्ट से लाभ यह होगा कि बैटरियों की चार घंटे की भंडारण क्षमता हो जाएगी. सरकार की योजना है कि आने वाले दिनों में बिहार के अन्य प्रमुख ग्रिडों पर भी बैटरी भंडारण प्रणाली विकसित हो. भारत सरकार ने प्रति मेगावाट घंटा 27 लाख रुपए के हिसाब से कुल 135 करोड़ रुपए की वीजीएफ राशि को स्वीकृति दे दी है.
बोले मंत्री…
ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव इस परियोजना को लेकर कहते हैं कि बिहार में ऊर्जा लचीलापन, पर्यावरण संरक्षण और 24 घंटे सातो दिन बिजली आपूर्ती के लक्ष्य को सरकार प्राप्त करेगी.