संवाददाता, पटना : पीरबहोर में रहने वाले रिटायर्ड मो अली शब्बर को साइबर बदमाशों ने ट्रेजरी अधिकारी बन कर फोन किया और जीआइसी फंड रिलीज होने का झांसा दिया. इसके बाद उन बदमाशों से उन्हें एक एप पर खाता खुलवाया और सारी गोपनीय जानकारी भी ले ली. इसके बाद उनके अलग-अलग खातों से कुल 20.50 लाख रुपये की निकासी कर ली. कंकड़बाग के रंधीर कुमार के खाते से भी बदमाशों ने 44 हजार रुपये की निकासी कर ली. इसी प्रकार बिटक्वाइन की खरीद-बिक्री में मुनाफे का झांसा देकर काजीपुर के कुमार सत्यम से 97,800 रुपये व फुलवारीशरीफ के मनोज कुमार चौधरी से 50 हजार रुपये ठग लिये.
विधान पार्षद के आदेशपाल से 35 हजार की ठगी
एक विधान पार्षद के आदेशपाल महेश मंडल को साइबर बदमाशों ने पिता के किसान निधि की रकम आने का झांसा दिया व खाते से 35 हजार रुपये की निकासी कर ली.
मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के नाम पर कर ली आठ लाख की ठगी
वैशाली के गोरौल के गुड्डू कुमार को कुछ लोगों ने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के तहत नौकरी देने का झांसा दिया और आठ लाख रुपये की ठगी कर ली. गुड्डू गांधी मैदान विद्यापीठ के सामने रहता है. इस संबंध में उन्होंने मंतोष कुमार माहली, दीप राज कुमार भट्टाचार्य, मनीष कुमार व प्रभात कुमार पर गांधी मैदान थाने में केस दर्ज करा दिया है. गुड्डू ने पुलिस को बताया है कि मनीष हमेशा महेश होटल में आता है. वह बोकारो के नारायणपुर चास का रहने वाला है. इस दौरान उससे दोस्ती हुई. इसी बीच उसने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के तहत नौकरी देने का झांसा दिया और ठगी कर ली गयी. मनीष के साथ दीप राज कुमार, प्रभात व मंतोष कुमार माहली भी शामिल थे. लेकिन न तो नौकरी लगी और न ही पैसे वापस मिले.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है