Expressway In Bihar: गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे परियोजना उत्तर बिहार के लिए एक बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर बूस्ट साबित होने वाली है. इस छह लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के लिए 100 मीटर चौड़ी जमीन का अधिग्रहण शुरू हो चुका है. केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद अब राज्य सरकार जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है. जल्द ही इसके लिए काला (भू-अर्जन के लिए सक्षम प्राधिकार) गठित कर अधिसूचना जारी की जाएगी. सरकार की मंशा है कि विधानसभा चुनाव से पहले शिलान्यास कर निर्माण कार्य की शुरुआत हो जाए.
इन जिलों को होगा सीधा फायदा
इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 568 किलोमीटर होगी, जिसमें से 417 किलोमीटर बिहार में प्रस्तावित है. इसका सीधा असर राज्य के आठ ज़िलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज पर पड़ेगा. यह एक्सप्रेस-वे 39 प्रखंडों और 313 गांवों को जोड़ेगा, जिससे वहां रहने वालों को सीधा लाभ मिलेगा. बेहतर सड़क संपर्क से न सिर्फ व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि नए निवेश और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
बिहार की हिस्सेदारी लगभग 27.5 करोड़
इस परियोजना पर अनुमानित कुल लागत 37,645 करोड़ रुपए है, जिसमें बिहार की हिस्सेदारी लगभग 27,552 करोड़ रुपए रहेगी. यह एक्सप्रेस-वे बिहार के परिवहन नेटवर्क को आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभाएगा. साथ ही उत्तर बिहार को देश के बाकी हिस्सों से जोड़कर सामाजिक और आर्थिक प्रगति के नए द्वार खोलेगा.
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