संवाददाता, पटना
लोक शिकायत निवारण में शिथिलता व लापरवाही बरतने पर पटना डीएम डाॅ चंद्रशेखर सिंह ने शनिवार को फुलवारीशरीफ और घोसवरी सीओ पर एक-एक हजार का अर्थदंड लगाया जबकि दानापुर सीओ और थानाध्यक्ष मसौढ़ी से उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा. वे अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई कर रहे थे. कुल 21 मामलों की सुनवाई की गयी व समस्याओं का समाधान किया गया.
करकायन, घोसवरी के अपीलार्थी मुरारी मोहन ने परिमार्जन का निष्पादन नहीं किये जाने की शिकायत की थी. जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि अंचलाधिकारी, घोसवरी द्वारा लगभग छह महीने बीत जाने के बावजूद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. उनका प्रतिवेदन भी स्पष्ट नहीं है. इसके कारण उन पर भी एक हजार रुपये का अर्थ दंड लगाते हुए कारण-पृच्छा की गयी. साथ ही सुनवाई की अगली तिथि को परिवाद का निवारण करते हुए कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहने का निर्देश दिया.
बाधाकोल, बिक्रम के अपीलार्थी दीपक कुमार ने दाखिल-खारिज वाद के संबंध में शिकायत की थी जिसपर जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि अंचल अधिकारी, दानापुर द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. पांच महीना बीतने के बावजूद भी परिवाद अंचल अधिकारी, दानापुर के स्तर पर ही लंबित है. लोक शिकायत के मामलों में असंवेदनशीलता प्रदर्शित करने तथा शिकायत निवारण में विलंब के कारण अंचल अधिकारी, दानापुर से स्पष्टीकरण किया गया. साथ ही सुनवाई की अगली तिथि को परिवाद का निवारण करते हुए कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया.नुरा, हंसाडीह के अपीलार्थी राहुल सिंह ने बार-बार आवेदन और साक्ष्य देने के बावजूद भी एफआइआर दर्ज नहीं करने के संबंध में शिकायत की थी. जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि थानाध्यक्ष, मसौढ़ी द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. शनिवार की सुनवाई से भी वे अनुपस्थित दिखे जिस पर उनसे स्पष्टीकरण किया गया. साथ ही बताया गया कि अगली सुनवाई में वरीय पुलिस अधीक्षक स्वयं उपस्थित रहेंगे.
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