Waterfalls in Bihar: अगर आप गर्मियों की छुट्टियों में भीड़-भाड़ से दूर शांति, हरियाली और ठंडे पानी की छुअन का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो बिहार के शानदार जलप्रपातों की यात्रा जरूर करें. अक्सर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए चर्चित बिहार, अब अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है. आइए जानते हैं बिहार के 4 प्रसिद्ध जलप्रपातों के बारे में, जो आपके सफर को यादगार बना सकते हैं.
ककोलत वाटरफॉल (Kakolat Waterfall)
नवादा जिले के गोविंदपुर ब्लॉक में स्थित ककोलत जलप्रपात, करीब 150 फीट की ऊंचाई से गिरता है. चारों ओर फैले हरे-भरे जंगल और ठंडा साफ पानी इसे एक परफेक्ट वीकेंड डेस्टिनेशन बनाते हैं. यह कहा जाता है कि इस झरने में स्नान करने से चर्म रोग दूर होते हैं. इस झरने की खास बात यह है कि, इसका पानी हमेशा ठंडा रहता है, साल के हर समय झरने का पानी बेहद शीतल होता है. यहां से जुड़ी कुछ हिंदू पौराणिक कथाओं के कारण, यह स्थान बहुत प्रसिद्ध है और यहां बहुत पर्यटक आते हैं.

तुतला भवानी जलप्रपात (Tutla Bhawani Waterfall)
तुतला भवानी (जिसे तुतला या तुतला धाम ) के नाम से भी जाना जाता है. डेहरी ऑन सोन से लगभग 20 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित है. यह स्थान देवी मां तुतला भवानी के मंदिर और अविश्वसनीय झरने के लिए जाना जाता है. रोहतास जिले के जंगलों में स्थित यह जलप्रपात तुतला भवानी मंदिर के समीप है. यहां की सबसे खास बात है इसका प्राकृतिक एम्फीथिएटर जैसा आकार- झरना एक गोल घाटी में गिरता है, जिसे चारों ओर से पहाड़ घेरे हुए हैं. यह स्थान ट्रेकिंग, ध्यान, फोटोग्राफी और धार्मिक आस्था, चारों दृष्टिकोण से बेहद खास है.

करकट वॉटरफॉल (Karkat Waterfall)
करकटगढ़ जलप्रपात कभी मुग़ल शासकों और ब्रिटिश अधिकारियों के लिए मगरमच्छ शिकार का प्रमुख स्थान हुआ करता था. वे यहां की सुंदर वनस्पति और जीव-जंतुओं की विविधता का आनंद लेने भी आया करते थे. कैमूर टाइगर रिज़र्व के समीप स्थित करकट जलप्रपात अब धीरे-धीरे पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध हो रहा है. बरसात के मौसम में जब झरने की धारा तेज होती है, तो यहां की हरियाली और ठंडी फिज़ा मन मोह लेती है. यह जगह वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स और ट्रैकिंग लवर्स के लिए जन्नत है.

हनुमान धारा जलप्रपात (Hanuman Dhara Waterfall)
हनुमान धारा जलप्रपात, जो बिहार के सिकारिया में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि इसे भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद भगवान हनुमान के लिए बनाया था. यह पवित्र और शांत स्थल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है और अपने पौराणिक महत्व से लोगों को जुड़ाव का अनुभव कराता है.

(इंटर्न श्रीति सागर की रिपोर्ट)
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