संवाददाता, पटना
आज प्रतिस्पर्धा का दौर है इसलिए सफलता के लिये युवाओं को टीपीएस कॉलेज जैसे अच्छे संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करना अत्यंत आवश्यक है. यह बात ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने टीपीएस कॉलेज में आयोजित दो नये पांच मंजिला भवनों परमेश्वरी देवी व्यवसायिक भवन और कविराज राम लखन सिंह बहुउद्देशीय भवन के शिलान्यास के अवसर पर कही. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के माता-पिता, परमेश्वरी देवी और कविराज राम लखन सिंह के नाम पर भवनों का नामकरण अत्यंत प्रशंसनीय है. प्राचार्य प्रो. उपेंद्र प्रसाद सिंह के कार्यों को आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 15,000 नये सरकारी स्कूल खोले और 12वीं तक की पढ़ाई सभी स्कूलों में शुरू की. बिहार की तस्वीर बदलने में गांवों का विकास शामिल है. शिक्षाविदों को 25 साल से कम उम्र के युवाओं को कार्यशालाओं के माध्यम से बिहार की विकास गाथा बतानी चाहिये. उन्होंने बिहार के विकास की कहानी को डिबेट और कार्यशालाओं के माध्यम से युवाओं तक पहुंचाने का आह्वान किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शरद कुमार यादव ने कहा कि शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होते. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) में उल्लिखित भारतीय ज्ञान प्रणाली को संरक्षित करना हमारा दायित्व है. प्राचार्य प्रो उपेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि टीपीएस कॉलेज शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे के विकास में निरंतर प्रगति कर रहा है. इन नये भवनों, कंप्यूटर लैब और सौर पैनल की स्थापना से छात्रों को आधुनिक सुविधाएं और बेहतर शैक्षणिक अवसर प्राप्त होंगे. समारोह का संचालन प्रो अबू बकर रिजवी ने किया. जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ नूपुर ने किया. कार्यक्रम में विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रो. इंद्रजीत राय, आरकेडी कॉलेज के जेपी गुप्ता, प्रो. कृष्णनन्दन प्रसाद छात्र नेता अंकित तिवारी, शिवम पराशर के अलावा शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है