संवाददाता, पटना.
लोकाभिराम श्रीराम का जन्मोत्सव रामनवमी का आयोजन महावीर मंदिर में पूरे विधि-विधान से हुआ. चैत शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को करुनानिधान श्रीराम के प्राकट्य के अवसर पर रविवार को दो बजे तड़के आरती के बाद सवा दो बजे से महावीर मंदिर में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा. चार लाख से अधिक श्रद्धालु हनुमान मंदिर पहुंचे. महावीर मंदिर के मुख्य गर्भगृह में राम दरबार समेत स्वर्ण मुकुटधारी हनुमानजी के दोनों विग्रहों के दर्शन और प्रसाद-पुष्प अर्पित करने के लिए महिलाओं-पुरुषों के आने का क्रम रविवार रात 12 बजे तक चलता रहा. सुबह 11 बजे महावीर मंदिर परिसर में मुख्य ध्वज स्थल पर ध्वज पूजा शुरू हुई. फिर वहां नये ध्वज के साथ महावीरी ध्वज का ध्वजारोहण किया गया.22 हजार किलो से अधिक नैवेद्यम की हुई बिक्री, 1.5 लाख भक्तों को हनुमान चालीसा वितरित
वहीं देर रात तक 22 हजार किलो से अधिक नैवेद्यम की बिक्री हुई. इसके अलावा 1.5 लाख भक्तों को हनुमान चालीसा वितरित किया गया. इसके बाद महावीर मंदिर के दक्षिण-पूर्व कोने पर शनि देव के समीप और पश्चिमी भाग में पूजा-पाठ काउंटर के समीप स्थित ध्वज बदले गये. हनुमान जी की आरती हुई. ठीक 12 बजे मंदिर प्रांगण में महावीर मंदिर न्यास के सदस्य बासुदेव राम ने पूजा की और उनके हाथों रामलला के चित्र का अनावरण कर श्रीराम के प्राकट्य का सांकेतिक प्रस्तुतीकरण किया गया. कृपाला के प्रकट होते ही रामलला पर पुष्प वृष्टि की गयी. श्रीराम के जयघोष से पूरा महावीर मंदिर परिसर गूंज उठा. रामलला की जन्म आरती हुई. इस अवसर पर गर्भगृह में हनुमानजी और राम दरबार को 102 किलो नैवेद्यम का विशेष भोग लगाया गया. दोपहर की आरती में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी शिरकत की. उन्होंने आचार्य कुणाल किशोर के कार्यों की सराहना की और कहा कि जनकल्याण का मतलब ही धर्म होता है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं गिरजा घर, मंदिर, मस्जिद, जैन मंदिर, गुरुद्वारा, फायर टेंपल भी जाऊंगा, जिसे जो सोचना है सोचें. मैं जहां भी जाता हूं. स्वामी विवेकानंद के भाषण को दुहराता हूं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है