आइआइटी पटना में शुक्रवार को कैंपस इमर्शन कम ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन हुआ. यह कार्यक्रम हाल ही में नामांकित विद्यार्थियों के पहले चरण के हाइब्रिड एकेडमिक प्रोग्राम के अंतर्गत आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आइआइटी पटना के निदेशक प्रो टीएन सिंह ने कहा कि हम सभी को अपने जीवन में आगे बढ़ने, स्वयं में सुधार करने और अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का पूरा अधिकार है. केवल एक अंक कम या एक प्रतिशत अधिक किसी व्यक्ति की असली क्षमता को निर्धारित नहीं करता. यह केवल उस दिन की परिस्थिति को दर्शाता है, न कि आपकी मेहनत, सोच या प्रतिभा को. अक्सर लोग लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, और इसका कारण उनकी योग्यता नहीं, बल्कि परिस्थितियां, मानसिक स्थिति या प्रक्रिया की जटिलता होती है. अगर कोई छात्र केवल 1.01% से पीछे रह जाता है, तो इसका अर्थ यह नहीं कि वह कमजोर है. अपनी कहानी खुद लिखो. तुम्हारी मेहनत, तुम्हारा समर्पण और आत्मविश्वास ही तुम्हारी पहचान बनेगा. चाहे दुनिया में कितना भी शोर हो, तुम्हें वह ‘शेर’ बनना है जो स्पष्ट सोच, आत्मबल और साहस के साथ अपनी नयी शुरुआत करता है. प्रो एके ठाकुर ने भी विद्यार्थियों को संस्थान के मूल्यों, अनुशासन और अवसरों के प्रति जागरूक किया. मौके पर प्रो एके ठाकुर (डीन, एडमिनिस्ट्रेशन), डॉ एनके तोमर (एडीन, रिसोर्स), डॉ अनूप केशरी (एडीन, आरएंडडी), डॉ राजीव मिश्रा (प्रमुख, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग) एवं नीरज राजहंस (चेयरमैन, माइक्रोटेक एजुकेशन सोसाइटी) उपस्थित थे.
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