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2025 से पहले यदि नियमों के तहत दो कोर्स साथ किये हों, तो वे भी होंगे मान्य

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दो शैक्षणिक कार्यक्रम एक साथ करने से जुड़ी अपनी गाइडलाइन में आंशिक संशोधन किया है

यूजीसी गाइडलाइन में संशोधन : अब अधिसूचना से पहले किये गये दो शैक्षणिक पाठ्यक्रम भी होंगे मान्य

संवाददाता, पटनाउच्च शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को बड़ी राहत देते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दो शैक्षणिक कार्यक्रम एक साथ करने से जुड़ी अपनी गाइडलाइन में आंशिक संशोधन किया है. यह संशोधन यूजीसी की 589वीं बैठक में तीन अप्रैल 2025 को पारित किया गया. अब वे छात्र भी इन नियमों के तहत लाभान्वित माने जायेंगे, जिन्होंने गाइडलाइन की अधिसूचना से पहले ही दो शैक्षणिक पाठ्यक्रम एक साथ पूरे कर लिये थे. अब तक के नियमों के अनुसार, दो डिग्री एक साथ करने की अनुमति तो दी गई थी, लेकिन उसका लाभ केवल उन्हीं छात्रों को मिलता था जिन्होंने यूजीसी द्वारा निर्धारित तिथि के बाद यह कदम उठाया था. अधिसूचना से पहले डिग्री पूरी करने वाले छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पाता था. लेकिन अब संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि दो शैक्षणिक कार्यक्रम यूजीसी की डिग्री रेगुलेशन, संबंधित विश्वविद्यालयों के अधिनियम, नियमावली और वैधानिक पेशेवर परिषदों एवं दूरस्थ शिक्षा परिषद के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पूरे किये गये हैं, तो उन्हें भी वैध माना जायेगा.इस संशोधन की जानकारी यूजीसी सचिव प्रोफेसर मनीष आर जोशी ने एक औपचारिक पत्र के माध्यम से सभी विश्वविद्यालयों और उनके अधीनस्थ कॉलेजों को दी है. उन्होंने कहा कि यह बदलाव छात्रों के हित को ध्यान में रखकर किया गया है और अब तक जिन छात्रों ने गाइडलाइन की अधिसूचना से पहले ही दो डिग्रियां पूरी कर ली हैं, उन्हें इसका लाभ मिलेगा, बशर्तें उन्होंने सभी शर्तों का पालन किया हो. इस निर्णय को शिक्षा क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है. इससे उन हजारों छात्रों को राहत मिलेगी, जो समानांतर रूप से दो डिग्रियों में अध्ययन कर चुके हैं और अभी तक उनके प्रमाण पत्रों की मान्यता को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी. यह संशोधन न केवल उनकी शैक्षणिक योग्यता को वैधता प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें नौकरी और उच्च शिक्षा के अवसरों में भी प्रतिस्पर्धी बनायेगा.

विश्वविद्यालय जल्द ही इस संबंध में औपचारिक दिशा-निर्देश जारी करेगा

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो एनके झा ने यूजीसी के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला उच्च शिक्षा में लचीलापन लाने वाला है. उन्होंने कहा कि छात्रों को विभिन्न शैक्षणिक रुचियों और करियर विकल्पों को एक साथ आगे बढ़ाने की जो स्वतंत्रता मिल रही है, वह शिक्षा के व्यापक उद्देश्यों के अनुरूप है. विश्वविद्यालय जल्द ही इस संबंध में औपचारिक दिशा-निर्देश जारी करेगा, ताकि सभी संबंधित छात्र लाभ उठा सकें. यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि संशोधित दिशा-निर्देशों की प्रति पत्र के साथ संलग्न की गई है और सभी विश्वविद्यालयों व संबद्ध कॉलेजों को इसे छात्रों के हित में तुरंत प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया गया है.

छात्रों के हित में लिया गया एक ऐतिहासिक फैसला है

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो गणेश महतो ने यूजीसी के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह बदलाव छात्रों के हित में लिया गया एक ऐतिहासिक फैसला है. उन्होंने कहा कि कई छात्र अपनी रुचियों और कैरियर की संभावनाओं को देखते हुए दो कोर्स एक साथ करते हैं, लेकिन तकनीकी अड़चनें उनके सामने आ जाती थीं. अब यह बाधा दूर हो गयी है. विश्वविद्यालय इस संशोधन को जल्द ही लागू करेगा और छात्रों को लाभ पहुंचाने की दिशा में आवश्यक कदम उठायेगा

मुख्य बिंदु:

गाइडलाइन अधिसूचना से पहले दो डिग्री साथ करने वाले छात्रों को भी मिलेगी मान्यता

यूजीसी की 589वीं बैठक में लिया गया निर्णय

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को संशोधन तत्काल लागू करने का निर्देश

उच्च शिक्षा में लचीलापन और विविध शैक्षणिक विकल्पों को मिलेगा बढ़ावा

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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