संवाददाता, पटना
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाले मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता को बरकरार रखने का डीपीओ अमृत कुमार ने सख्त निर्देश दिया है. बच्चों को मिलने वाले खाने की पौष्टिकता के साथ ही साफ-सफाई रखने का निर्देश दिया गया है. मोकामा प्रखंड के एक स्कूल में मध्याह्न भोजन में शिकायत आने के बाद जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और रसोईयों के लिए खास दिशा-निर्देश जारी किया है. पत्र में कहा गया है कि मध्याह्न भोजन बनाते समय रसोइया का बाल खुला नहीं होना चाहिए और नाखून कटे होने चाहिए. रसोईया को भोजन तैयार करते समय सूती कपड़े पहनने को कहा गया है. इसके साथ ही भोजन बनाने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करने और चावल, दाल, सब्जी को अच्छी तरह से धोकर प्रयोग में लाने को कहा गया है.नमी वाले स्थान पर नहीं होगा खाद्यान्न भंडारण
पत्र में कहा गया है कि स्कूलों में खाद्यान्न का भंडारण नमी वाले स्थान नहीं करना है. किसी भी परिस्थिति में चावल जमीन पर बिखरा नहीं होना चाहिए. बच्चों को निर्धारित समय पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए निर्धारित समय से पहले भोजन तैयार हो जाना चाहिए. मध्याह्न भोजन तैयार करने में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें तेल, मसाले आदि डिब्बाबंद व एगमार्क युक्त होना चाहिए. रसोईया भोजन को गैस पर ही तैयार करेंगे. इसके लिए विद्यालय के प्रभारी अनिवार्य रूप से ससमय आवश्यकतानुसार गैस की पूर्व से रिफीलिंग सुनिश्चित करेंगे. विद्यालय के प्रधान भोजन के मेनू विद्यालय के प्रमुख हिस्से में दीवार पर अंकित करना सुनिश्चित करेंगे. मेनू के अनुसार अंडा या मौसमी फल को बच्चों को उपलब्ध कराये जाये. प्रधानाध्यापक का यह दायित्व होगा कि पूर्व माह का प्रपत्र पूर्ण रूप से भरते हुए संबंधित प्रखंड साधन सेवी को माह की तीन तारीख तक उपलब्ध करायेंगे, ताकि प्रखंड साधन सेवी द्वारा अनिवार्य रूप से विभागीय एमआइए में माह की सात तारीख तक इसकी प्रविष्टि की जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है